MP Assembly Election 2023: इस सीट पर 30 साल से भाजपा का कब्जा, ब्राह्मण और जैन ही निर्णायक
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MP Assembly Election 2023: इस सीट पर 30 साल से भाजपा का कब्जा, ब्राह्मण और जैन ही निर्णायक

MP Election: बुंदेलखंड की सागर विधानसभा सीट प्रदेश की सबसे ज्यादा चर्चित सीटों में से एक है. खास बात यह है कि इस सीट पर 30 साल से सिर्फ एक ही पार्टी का कब्जा है. यहां भाजपा लगातार 6 विधानसभा चुनाव जीत चुकी है. 

MP Assembly Election 2023: इस सीट पर 30 साल से भाजपा का कब्जा, ब्राह्मण और जैन ही निर्णायक

Seat Analysis: बुंदेलखंड की सागर विधानसभा सीट प्रदेश की सबसे ज्यादा चर्चित सीटों में से एक है. खास बात यह है कि इस सीट पर 30 साल से सिर्फ एक ही पार्टी का कब्जा है. यहां भाजपा लगातार 6 विधानसभा चुनाव जीत चुकी है. वर्तमान विधायक शैलेंद्र जैन जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं. इससे पहले भाजपा की सुधा जैन भी लगातार 3 विधानसभा जीत चुकी हैं. 

आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस सीट पर कोई दमदार प्रत्याशी उतार सकती है. देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस कई सालों से जीत दर्ज करती आ रही भाजपा को टक्कर दे पाएगी?  साल 2018 विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां भाजपा के शैलेंद्र जैन ने कांग्रेस के नेवी जैन को 17,366 वोटों से हराया था. इस चुनाव में शैलेंद्र जैन को 67,227 वोट और नेवी जैन को 49,861 वोट मिले थे. पिछले चुनाव में यहां 65.51 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. जीत का मार्जिन 3.24% था.

वोटर्स के आंकड़े और जातिगत समीकरण
2018 के आंकड़ों के मुताबिक, सागर विधानसभा सीट में 2 लाख से ज्यादा वोटर्स हैं. इसमें 96 हजार से महिलाएं और 1 लाख से ज्यादा पुरुष हैं. जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां ब्राह्मण और जैन समाज ही निर्णायक स्थिती हैं. यहां ब्राह्मणों के करीब 60 हजार से ज्यादा और जैन समाज के भी करीब इतने ही वोटर्स हैं. दूसरी समाजों में मुस्लिम, ओबीसी और एससी-एसटी भी जीत हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. हालांकि यहां मुख्य मुकाबला जैन और ब्राह्मण समाज के बीच देखने को मिलता है.

सागर विधानसभा सीट का इतिहास
सागर विधानसभा सीट के इतिहास की बात करें तो 1977 से 2018 तक यहां 10 बार चुनाव हो चुके हैं. शुरुआत में यहां कांग्रेस का कब्जा था. 1977 और 1980 में कांग्रेस के शिवकुमार ज्वाला प्रसाद जीते थे. इसके बाद 1985 और 1990 में कांग्रेस के प्रकाश मोतीलाल जैन जीते . आगे चलकर 1993 में यह सीट भाजपा के पाले में चली गई और 1993, 1998 और 2003 में भाजपा की सुधा जैन ने जीत दर्ज की. आखिरम में 2008, 2013 और 2018 में शैलेंद्र जैन ने जीत दर्ज की है.  

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