Bandhavgarh Tiger Reserve: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक साल में 20 बाघों की मौत से हड़कंप मच गया है. आपसी लड़ाई में बाघों की मौत के प्रबंधन के दावों पर सवाल उठ रहे हैं.
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Umaria News: मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की अहम भूमिका रही है. लेकिन टाइगर रिजर्व में अब बाघों की जान सुरक्षित नहीं है. पिछले मार्च 2023 से अब तक 20 बाघों की मौत हो चुकी है. बाघों की लापरवाही से मौत के मामले में बांधवगढ़ ने एक नया मुकाम हासिल किया है. ऐसे में पार्क प्रबंधन की बाघ संरक्षण रणनीति पर सवाल उठना स्वाभाविक है. बता दें कि बांधवगढ़ में पिछले साल ऐसे कई बाघों की मौत हो चुकी है, जिनके कारणों का आज तक पता नहीं चल पाया है. कई बाघों के शरीर के अंग गायब पाए गए और कई बाघों के शव क्षत-विक्षत अवस्था में पाए गए.
उच्च स्तरीय एजेंसी से जांच की मांग
बाघों की मौत के बढ़ते आंकड़ों से पार्क प्रबंधन के जिम्मेदार आला अधिकारी भी चिंतित हैं. लेकिन आपसी कलह के कारण हो रही बाघों की मौत पर रटा-रटाया जवाब देकर टाल रहे हैं. वन्यजीव विशेषज्ञों ने बाघों की मौत के कारणों का पता लगाने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. मामले की जांच उच्च स्तरीय एजेंसी से कराने की मांग की गयी है. बता दें कि बांधवगढ़ में पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा घनत्व में बाघ पाए जाते हैं. अगर कोर और बफर एरिया को मिला लें तो कुल 1536 वर्ग किमी क्षेत्रफल में 200 से ज्यादा बाघ हैं. वहीं टाइगर रिजर्व की सीमा से लगे सामान्य वन क्षेत्रों में 60 से 70 बाघ घूम रहे हैं.
बांधवगढ़ में बाघों की मौत के आंकड़े- (मार्च 2023 से लेकर अब तक)