When is Saubhagya Sundari Vrat 2022: हर साल मार्गशीष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया के दिन सौभाग्य सुंदरी का व्रत रखा जाता है. आइए जानते हैं सौभाग्य सुंदरी व्रत पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में...
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Saubhagya Sundari Vrat Date 2022: हिंदू पंचाग के अनुसार आज यानी 09 नवंबर से अगहन माह की शुरुआत हो गई है. इस महीने को मार्गशीष के नाम से भी जाना जाता है. हर साल अगहन माह के तृतीया के दिन सौभाग्य सुंदरी व्रत रखा जाता है. यह व्रत सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्यवती होने के लिए रखती हैं. आइए जानते हैं किस दिन रखा जाएगा सौभाग्य सुंदरी का व्रत और क्या है इसका महत्व?
कब है सौभाग्य सुंदरी व्रत
हिंदू पंचाग के अगहन यानी मार्गशीष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया के दिन सौभाग्य सुंदरी का व्रत रखा जाता है. इस साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 10 नवंबर दिन गुरुवार की शाम 06 बजकर 32 मिनट से हो रहा है. तिथि का समापन 11 नवंबर शुक्रवार की रात 08 बजकर 17 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार सौभाग्य सुदंरी का व्रत 11 नवंबर को रखा जाएगा.
सौभाग्य सुंदरी व्रत पूजा मुहूर्त
सौभाग्य सुंदरी व्रत में मां पार्वती और भगवान शंकर की पूजा की जाती है. सौभाग्य सुंदरी व्रत के दिन यानी 11 नवंबर को पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 08 बजकर 01 मिनट से 10 बजकर 44 मिनट तक है. वहीं शाम को पूजा करने का शुभ महुर्त शाम 08 बजकर 47 मिनट से लेकर 10 बजकर 26 मिनट तक है. इस शुभ मुहूर्त में व्रती महिलाएं कभी भी पूजा कर सकती हैं. इस बार इस व्रत पर सुबह सूर्योदय से लेकर रात्रि 09 बजकर 30 मिनट तक शिव योग और उसके बाद सिद्ध योग है. यह योग पूजा करने और मांगलिक कार्यों के लिए बहुत शुभ मानी जाती है.
सौभाग्य सुंदरी व्रत पूजा विधि
सौभाग्य सुंदरी व्रत के दिन व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाएं इस दिन सुबह स्नान करने के बाद आस-पास के शिव मंदिर में जाएं और शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक करें. इसके बाद मां पार्वती और भगवान भोले की विधि विधान से पूजा करें. साथ ही मां पार्वती का सोलह श्रृंगार करें. इस दिन मां पार्वती और भगवान शंकर को पीले मिष्ठान्न चढ़ाएं.
सौभाग्य सुंदरी व्रत महत्व
सौभाग्य सुंदरी व्रत में मां पार्वती और भगवान शंकर की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि जो सुहागिन स्त्रियां इस दिन सच्चे मन से मां पार्वती और भगवान की पूजा करती हैं, उनके सभी पाप दोष नष्ट हो जाते हैं और उनकी सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य, भौतिक सुख और सुंदरता में कभी कमी नहीं होती है. साथ ही उन्हें अखंड सौभाग्यशाली होने का वरदान प्राप्त होता है.
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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करती है.)