कोविड के बाद से लगातार ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ता जा रहा है. देश में स्ट्रोक की समस्या एक चिंता का विषय है. इसको लेकर अवेयरनेस रखने के लिए हर साल वर्ल्ड स्ट्रोक डे मनाया जाता है, जिससे लोगों में जागरूकता आए .
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Brain Stroke : मानव शरीर एक मशीन की तरह है. अगर हम इसका ख्याल न रखें तो ये बिगड़ जाएगी. इसके लिए हमारा अनहेल्दी खानपान, खराब दिनचर्या, व्यायाम से दूरी बनाना आदि चीजें जिम्मेदार है. ऐसे तो हम न चाहकर भी कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. उनमें से सबसे खतरनाक बीमारी है ब्रेन स्ट्रोक. इसमें गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है और ये तब होती है जब ब्रेन के अलग अलग हिस्सों में खून की सप्लाई बाधित हो जाती है. यह ब्रेन के तत्वों को ऑक्सीजन और पोषण नहीं पंहुच पाता जिसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक होता है. अगर इसके लक्षण आपको पहले से पता हो तो आप वक्त रहते इससे बच भी सकते हैं.
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण :
पैरालिसिस की स्थिति पैदा होना.
स्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति को हाथ, चेहरे और पैर में सुन्नता या कमजोरी महसूस होती है.
बैन स्ट्रोक के मरीज के शब्द साफ नहीं निकलते हैं और अचानक उसके व्यवहार में बदलाव आ जाता है.
अचानक चक्कर आना या धुंधला दिखना भी ब्रेन स्ट्रोक के सिम्पटम्स हैं .
ब्रेन स्ट्रोक के कारण :
हाई ब्लड प्रेशर के लोगों को ब्रेन स्ट्रोक का ज्यादा खतरा होता है. बीपी में आर्टरीज को नुकसान होता है और कई बार ब्लड वेसेल्स फट सकते हैं जो कि ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकता है.
मोटापा भी ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है. ये शरीर में डायबिटीज और दिल की बीमारियों का कारण बनता है जो आगे चल कर ब्रेन स्ट्रोक का कारण भी बन सकता है. इसलिए आप मोटापा को कंट्रोल में रखें.
आज कल स्ट्रेस भी ब्रेन स्ट्रोक का एक बड़ा कारण है . स्ट्रेस की वजह से नींद में कमी होने लगती है और इससे जुड़ी कई और समस्याएं भी पैदा हो जाती हैं जो ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकती है.
एक्सरसाइज नहीं करना कई बीमारियों को बुलावा देती है जैसी मोटापा, बीपी और शुगर. यह सब ब्रेन स्ट्रोक के कारण बन सकते हैं.