तीन महीने की बेटी के साथ पहली बार अपने ससुराल इंदौर पहुंची पाकिस्तान की बेटी संध्या
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तीन महीने की बेटी के साथ पहली बार अपने ससुराल इंदौर पहुंची पाकिस्तान की बेटी संध्या

सागर बीते नवंबर में सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इंदौर लौट आए थे, लेकिन उनकी पत्नी संध्या और नवजात बेटी भारत नहीं आ सकी थीं. सागर की बेटी का जन्म लक्ष्मी है, जिसका जन्म नवंबर 2020 में पाकिस्तान में हुआ. 

पत्नी और बेटी को लेने संध्या का पति सागर कई घंटे पहले ही सरहद पर पहुंच गया था.

इंदौर: कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन और सरहदों के सील हो जाने के कारण भारत और पाकिस्तान के बहुत से लोग अपने मुल्क वापिस नहीं जा पाए थे. कुछ पाकिस्तानी भारत में रह गए तो कुछ भारतीय पाकिस्तान में. अब हालात सामान्य होने के बाद इनके घर वापसी का सिलसिला जारी है. इंदौर के रहने वाले सागर बजाज की शादी फरवरी 2020 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत की संध्या के साथ हुई थी. अचानक लॉकडाउन लग गया. 

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सागर बीते नवंबर में सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इंदौर लौट आए थे, लेकिन उनकी पत्नी संध्या और नवजात बेटी भारत नहीं आ सकी थीं. सागर की बेटी का जन्म लक्ष्मी है, जिसका जन्म नवंबर 2020 में पाकिस्तान में हुआ. तीन महीने की लक्ष्मी अपनी मां संध्या के साथ शुक्रवार शाम अटारी सीमा के रास्ते भारत लौटी. संध्या ने कहा कि वह बहुत खुश हैं कि शादी के बाद पहली बार अपने ससुराल भारत आ सकी हैं.  वहीं, सागर बजाज ने बताया कि 3 महीने बाद अपनी बच्ची को उन्होंने देखा है. वह बहुत खुश हैं. 

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अटारी सीमा के रास्ते शुक्रवार को पाकिस्तान से कुल 22 यात्री भारत पहुंचे. इनमें 13 यात्री भारत के नागरिक हैं, जिनमें 5 श्रीनगर, 3 पुंछ, 2 बांदीपुरा और 1 शोपियां का नागरिक शामिल है. वहीं 9 पाकिस्तानी नागरिक वीजा पर भारत में​ किसी काम से आए हैं. एक परिवार अपने रिश्तेदार की शादी में पाकिस्तान गया था, और लॉकडाउन के कारण वहीं फंस गए थे. एक साल बाद ये लोग अपने वतन भारत वापस लौटे. उनके चेहरों पर इस बात की खुशी देखी जा सकती थी कि वे 1 साल बाद अपने घर वालों से मिलेंगे.

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आपको बता दें कि कोरोना महामारी ने बीते साल फरवरी में ही पूरी दुनिया में दस्तक दी थी. चीन में इस वायरस का प्रभाव पहले से था, लेकिन धीरे धीरे यह पूरी दुनिया में फैल गया. पिछले कुछ महीनों में जैसे-जैसे कोरोना का असर कम होता गया, उसके कारण जो लोग दूसरे देशों में फंसे थे अपने वतन लौटने शुरू हो गए. अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जो अपने वतन लौटने की राह देख रहे हैं. शुक्रवार को पाकिस्तान से 40 लोगों के भारत आने की सूचना थी, 22 ही भारत में दाखिल हो सके.

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