पीएमटी परीक्षा 2011 धांधली में सीबीआई ने अपनी जांच पूरी कर ली है. जांच एजेंसी आज हाई कोर्ट में चालान पेश करेगी. इस मामले में कुल 50 लोग आरोपी बनाए गए हैं. इनपर 40 सीटें बेचने का आरोप है.
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ग्वालियर: पीएमटी 2011 धांधली (PMT 2011 Scam) केस में सीबीआई ने अपनी जांच पूरी कर ली है. जांच एजेंसी आज हाई कोर्ट में चालान पेश करेगी. इस मामले में कुल 50 लोग आरोपी बनाए गए हैं. इनपर 40 सीटें बेचने का आरोप है. आपको बता दें कि पिछले 5 सालों से सीबीआई इस मामले की जांच कर रही थी, जो अब जाकर पूरी हुई है.
वर्ष 2011 में सरकारी कोटे की 39 सीटों को 50 लाख में बेचने का है आरोप
चार्जशीट में चिरायु मेडिकल कॉलेज पर वर्ष 2011 में सरकारी कोटे की 39 सीटों को 50 लाख रुपए तक में बेचने के आरोप लगाए गए हैं. आरोप के मुताबिक चिरायु मेडिकल कॉलेज ने सरकारी कोटे की सीटों पर पहले डमी एडमिशन दिए, फिर इन सीटों को चहेते लोगों को बेच दिया गया. इस पूरे खेल में चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ. गोयनका सहित मेडिकल एजुकेशन के तत्कालीन अफसर भी शामिल थे. इस मामले में पहले 3 लोगों पर चार्जशीट हो चुकी है. सीबीआई की जांच आगे बढ़ी तो इसमें 50 और नए नाम सामने आए हैं.
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साल 2011 में डॉ. अजय गोयनका के खिलाफ ग्वालियर में दर्ज हुआ था केस
साल 2011 में जब फर्जीवाड़ा सामने आया था तो चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ. अजय गोयनका के खिलाफ ग्वालियर के झांसी रोड थाने में केस दर्ज हुआ था. उन पर आरोप लगा था कि वह अपने कॉलेज में पहले से ही एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों को डमी एडमिशन दिलाकर सीटें रिजर्व करा लेते थे, फिर पैसे लेकर मनचाहे कैंडिडेट्स को उन सीटों को बेच देते थे.
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मेडिकल एजुकेशन के तत्कालीन अफसरों को भी थी धांधली की जानकारी
सीबीआई जांच में जो तथ्य सामने आए उसके मुताबिक मेडिकल एजुकेशन के तत्कालीन अफसरों को भी चिरायु प्रबंधन के इस फर्जीवाड़े की जानकारी थी लेकिन उन्होंने जानबूझकर इसे नजरअंदाज कर दिया. मेडिकल एजुकेशन के अधिकारियों को यह देखना था कि जो लोग पहले से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं, वे दोबारा कैसे एडमिशन ले सकते हैं.
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पीएमटी 2012 में गड़बड़ी के आरोप में भी डॉ. गोयनका जा चुके हैं जेल
यह सबकुछ आपसी सांठगांठ से चलता रहा. यही वजह है कि मेडिकल एजुकेशन के अफसरों और चिरायु मेडिकल कॉलेज की एडमिशन कमेटी के डॉक्टर्स भी आरोपी बनाए गए हैं. इससे पहले पीएमटी 2012 में गड़बड़ी के आरोप में भी डॉ. गोयनका जेल जा चुके हैं. नई चार्जशीट में अपना नाम होने पर डॉ. गोयनका सहित 10 अन्य आरोपियों ने अग्रिम जमानत अर्जी पेश की थी, लेकिन कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी.
एसआईटी से लेकर सीबीआई को सौंपी गई थी जांच, कुल 281 आरोपी
पहले यह मामला एसआईटी संभाल रही थी. साल 2006 से 2010 के बीच फर्जी तरीके से पीएमटी परीक्षा पास करने वालों के खिलाफ एसआईटी ने केस दर्ज किया था. मामले में कुल 276 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. लेकिन चालान पेश नहीं कर पाने के कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस कांड की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. सीबीआई ने साल 2015 में इस केस को टेकओवर कर नई एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की. इस धांधली में अब तक कुल 281 आरोपी बनाए जा चुके हैं.
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