बता दें इससे पहले चुनाव में काले धन के इस्तेमाल की एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि काले धन के इस्तेमाल के मामले मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है.
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नई दिल्लीः मध्य प्रदेश के इंदौर में पुलिस ने दो लाख ले जाते एक व्यापारी को पकड़ा है. जीआरपी पुलिस ने मिली जानकारी के आधार पर व्यापारी को जबलपुर-इंदौर ओवरनाइट एक्सप्रेस से भारी तादाद में नकद रुपये ले जाते हुए पकड़ा है. पुलिस को आशंका है कि इतनी अधिक तादाद में रुपया लोकसभा चुनाव के लिए ले जाया जा रहा था. उसी सूचना के आधार पर पुलिस ने एक युवक विहित गुप्ता को पकड़ा जिसके पास तलाश में दो लाख रुपये नकद मिले. जब पकड़े गए आरोपी से पूछताछ की गई तो उसने खुद को कपड़ा व्यापारी बताया और रुपयों को काम के सिलसिले में ले जाने की बात कही. पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि वह कपड़ा व्यपारी है और ये पैसे वह जबलपुर कपड़े लेने के लिए ले जा रहा था.
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वहीं जब पुलिस ने युवक से इन पैसों का हिसाब मांगा तो उसने पैसे के बारे में पूरा रिकार्ड पुलिस को मुहैया करवा दिया. आचार संहिता को लगे हुए एक महीने से ऊपर हो चुका है, ऐसे में अधिक मात्रा में कैश लेकर आने-जाने पर रोक लगी हुई है. बता दें जीआरपी पुलिस आचार संहिता लगे होने के दौरान तकरीबन 38 लाख रुपये से अधिक नकद पकड़ चुकी है. वहीं आचार संहिता लगे होने के बाद भी लगातार बड़ी मात्रा में हो रही कैश का लेन-देन पुलिस के लिए समस्या का सबब बनी हुई है. जगह-जगह पर मुस्तैदी के बाद भी काले धन की लेन-देन है कि कम होने का नाम ही नहीं ले रही है.
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बता दें इससे पहले चुनाव में काले धन के इस्तेमाल की एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि काले धन के इस्तेमाल के मामले मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है. रिपोर्ट में कहा गया था कि मध्य प्रदेश में चुनावों में काले धन का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है. चुनाव चाहे विधानसभा का हो या लोकसभा का अधिकारी कालेधन के इस्तेमाल पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं. जांच एजेंसियों की तमाम सख्तियों को बहाना बताते हुए चुनावी कामकाज में जुटे अफसरों के लिए भी कालेधन का इस्तेमाल एक चुनौती बन चुका है. विधानसभा के बाद अब मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भी कालेधन का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हो रहा है.
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चुनाव आयोग की गाइडलाइन पर आधारित चैकिंग में रोजाना ना सिर्फ बड़े पैमाने पर नगदी की जप्ती हो रही है बल्कि बड़े पैमाने पर शराब भी पकड़ी जा रही है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने साफ स्वच्छ चुनाव कराने की जरूर दलील दी है, लेकिन वे खुद आंकड़ों की हकीकत को बयां करते हुए ये मानते हैं कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर मतदान के पहले कैश जप्त किया जा रहा है. इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस बीजेपी एक दूसरे पर दोष मढ़ रहे हैं.