प्यारे मियां यौन शोषण केस: पीड़िता के मौत मामले की जांच SIT करेगी, बालिका गृह अधीक्षिका पर हुई कार्रवाई
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प्यारे मियां यौन शोषण केस: पीड़िता के मौत मामले की जांच SIT करेगी, बालिका गृह अधीक्षिका पर हुई कार्रवाई

घटना को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार सुबह 11 बजे एक उच्चस्तीय बैठक बुलाई. उन्होंने कहा कि भोपाल में बेटी को हम बचा नहीं पाए. यह साधारण घटना नहीं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. इसमें जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी. 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान. (File Photo)

भोपालः प्यारे मियां यौन शोषण केस की नाबलिग पीड़िता के नींद की गोलियां खाने से हुई मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. महिला बाल विकास विभाग ने बालिका गृह अधीक्षिका एनतेनिया इक्का को हटा दिया गया है. साथ ही इक्का से 3 दिन में जवाब मांगा है कि नाबालिग तक नींद की गोलियां पहुंची कैसे.

 नाबालिग की मौत के मामले में मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग ने बालिका गृह की अधीक्षिका एनतेनिया इक्का की कार्यप्रणाली पर  सवाल उठाए थे और नाराजगी जताई थी. आयोग ने भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया से सात बिंदुओं पर 7 दिन में जानकारी मांगी है.

भोपाल: परिजन मांगते रहे अपनी बेटी का शव, लेकिन पुलिस अस्पताल से सीधे श्मशान घाट ले गई

इस बीच घटना को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार सुबह 11 बजे एक उच्चस्तीय बैठक बुलाई. उन्होंने कहा कि भोपाल में बेटी को हम बचा नहीं पाए. यह साधारण घटना नहीं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. इसमें जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्यारे मियां यौन शोषण केस की शिकार नाबालिग की मौत की जांच एसआईटी करेगी.

मुख्यमंत्री के साथ बैठक में डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा, सीएम के ओएसडी मकरंद देउसकर, आईजी भोपाल उपेंद्र जैन तथा भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया मौजूद थे. उधर, पूर्व सीएम कमलनाथ ने घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि राजधानी में ही बच्चियां सुरक्षित नहीं है, यह सरकार और कितना शर्मसार करेगी. 

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एमपी पुलिस पर यूपी पुलिस की तरह हाथरस कांड दोहराने का आरोप
हाथरस कांड पीड़िता के अंतिम संस्कार में यूपी पुलिस और प्रशासन ने जो संवेदनहीनता दिखाई थी, उसी कहानी को दोहराने के आरोप एमपी पुलिस पर भी लग रहे हैं. प्यारे मियां यौन शोषण केस की पीड़िता की नींद की गोलियां खाने से मौत हो गई थी. गुरुवार को पुलिस की निगरानी में दोपहर 1ः30 बजे उसका भदभदा विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया. परिजनों का आरोप है कि वे बेटी का शव घर लाना चाहते थे, उसे अंतिम सम्मान देकर विदा करना चाहते थे. लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी और शव को लेकर अस्पताल से सीधे श्मशान घाट पहुंची.

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