उपचुनाव में मिली जीत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच सोमवार को भोपाल में मुलाकात हुई. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा हुई है.
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भोपालः भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया एक दिवसीय दौरे पर सोमवार को राजधानी भोपाल पहुंचे. उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की. दोनों के बीच यह मुलाकात सिर्फ 10 मिनट ही चली, लेकिन राजनीतिक गलियारों में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा एक बार फिर से तेज हो गई है. सीएम हाउस में मुलाकात भले ही 10 मिनट की रही हो, लेकिन दोनों नेता सोमवार पूरे दिन साथ ही रहे.
सिंधिया और शिवराज पहले ओरछा में केंद्रीय पर्यटन एवं सस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की बेटी के शादी समारोह में एक साथ पहुंचे. उसके बाद नेता अल्प प्रवास पर ग्वालियर भी गए. ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार देर रात भोपाल से दिल्ली के लिए रवाना होंगे. उपचुनाव में जीत के बाद पहली बार राष्ट्रीय राजधानी आ रहे मुख्यमंत्री चौहान की मुलाकात पीएम मोदी से होने की संभावना है.
चुनाव हारने वाले मंत्री दे चुके हैं इस्तीफा
उपचुनाव हारने वाले तीनों मंत्री इमरती देवी, एंदल सिंह कंसाना और गिर्राज डंडौतिया अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. माना जा रहा है कि इन तीनों को निगम मंडल में जगह दी जा सकती है. उपचुनाव से पहले गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके थे. सदन का सदस्य रहे बिना ये दोनों 6 महीने मंत्री पद पर रह चुके थे. उपचुनाव में देरी हो रही थी, इसलिए नियमों के मुताबिक दोनों को मंत्री पद इस्तीफा देना पड़ा था. नियम है कि कोई व्यक्ति राज्य सरकार में मंत्री बनता है तो उसे 6 महीने के अंदर विधानसभा या विधानपरिषद का सदस्य निर्वाचित होना ही पड़ेगा. नहीं तो मंत्री पद छोड़ना होगा.
सिलावट और राजपूत दे चुके हैं इस्तीफा
हालांकि उपचुनाव में तुलसी सिलावट सांवेर और गोविंद सिंह राजपूत सुरखी विधानसभा सीट से जीत दर्ज कर विधानसभा में पहुंचने का रास्ता साफ कर लिया है. विधानसभा की शीतकालीन सत्र में दोनों शपथ लेंगे. माना जा रहा है कि शिवराज सरकार में पहले इन दोनों विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है. ज्योतिरादित्य सिंधिया जब सोमवार को राजधानी भोपाल पहुंचे तो तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत उनके साथ मौजूद रहे.
ये विधायक भी हैं मंत्री पद के दावेदार
गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट को तो मंत्री पद का प्रवल दावेदार माना ही जा रहा है. इसके अलावा इस बार मंत्रिमंडल में सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन साधने की चर्चा भी तेज है. लिहाजा मंत्री पद के लिए कई विधायक दावेदार माने जा रहे हैं. इनमें विंध्य क्षेत्र से राजेंद्र शुक्ला, गिरीश गौतम, केदार शुक्ला के नाम शामिल हैं, तो अजय विश्नोई, रामपाल सिंह, संजय पाठक और रामेश्वर शर्मा भी मंत्रिपद के दावेदार माने जा रहे हैं.
शिवराज कैबिनेट में 6 मंत्री पद खाली
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री सहित कुल 35 मंत्री बनाए जा सकते हैं. तीन मंत्रियों को चुनाव हारने और दो मंत्रियों को 6 महीने का कार्यकाल पूरा होने की वजह से इस्तीफा देना पड़ा था. जबकि एक मंत्री पद पहले से खाली था. ऐसे में अब शिवराज सरकार में कुल 6 मंत्री पद खाली हैं. इससे सिंधिया और शिवराज की मुलाकात के बाद चर्चा तेज है कि जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है.
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