सेना से रिटायर्ड हुआ जवान, युवाओं को फौज के लिए दे रहा नि:शुल्क ट्रेनिंग
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सेना से रिटायर्ड हुआ जवान, युवाओं को फौज के लिए दे रहा नि:शुल्क ट्रेनिंग

गंभीर अपने क्षेत्र में बेटियों को भी पुलिस व अन्य सैनिक बल की तैयारी करवाने के लिए उनके माता पिता को मोटिवेट करते है.

युवाओं को ट्रेनिंग देते गंभीर

छतरपुर: जिले मे एक रिटायर्ड फौजी युवाओं को फौजी की ट्रेनिंग देकर उन्हें भारतीय सेना के लिये तैयार कर रहे है. लवकुशनगर तहसील अंतर्गत मुड़ेरी गांव के गंभीर सिंह जिनमें देशभक्ति का जज्बा इस कदर भरा है कि वह आज भी देश की सेवा के लिए दो दर्जन से अधिक युवाओं को हर उस हुनर में माहिर कर रहे हैं, जो ARMY BSF,CISF से लेकर पुलिस भर्ती तक के लिए आवश्यक होता है. 

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बता दें कि गंभीर सिंह की सोच ये है कि हर उस फौजी को रिटायरमेंट के बाद कम से कम जो जगह वह खाली कर कर आया है. उसे भरने के लिए एक फौजी जरूर तैयार करके भेजना चाहिए. जो उसकी जगह देश की सेवा कर सके गंभीर का दावा है कि अगर उनके बताए अनुसार युवा बेसिक ट्रेनिंग लेते हैं, तो फिजिकल भर्ती में उनका सिलेक्शन निश्चित ही होगा.

ऐसी होती है दिनचर्या
गंभीर सुबह 5:00 बजे उठते हैं और इसके बाद अपने खेत में बनाए हुए ग्राउंड पर पहुंच जाते है. जहां गांव के पूरी तरह से अनुशासित उनके छात्र उनका इंतजार करते नजर आते है. उसके बाद ट्रेनिंग शुरू कर दी जाती है. जहां गंभीर युवाओं को फौज की भर्ती में आवश्यक हर गुण को सिखा रहे है. वही ग्राउंड पर पूरी तरह से अनुशासन का पालन करवाना भी उन्हें पसंद है. जब भी उनका कोई छात्र अनुशासनहीनता करता है तो तब वह सख्ती से भी पेश आते है. लगभग 2 घंटे उनके द्वारा युवाओं को ट्रेंड किया जाता है और उन्हें प्रॉपर डाइट लेने के लिए जी प्रेरित किया जाता है. 

नि: शुल्क ट्रेनिंग दी जाती है
युवाओं को तैयार करने की जद्दोजहद में गंभीर युवाओं को नि: शुल्क हुनर सीखा रहे हैं, वो अन्य मैदानी जरूरतों में भी अपना पैसा खर्च करते है. कई युवा ऐसे भी हैं जो हफ्ते में एक या दो दिन आकर इनसे टिप्स लेते हैं और उसके बाद अगले हफ्ते आकर टेस्ट भी देते है. हर शनिवार छात्रों का टेस्ट भी गंभीर के द्वारा लिया जाता है. जिसमें उनके पिछले सप्ताह की प्रोग्रेस देखी जाती है. गंभीर का कहना हैं कि ऐसे छात्र जो मुझ तक नहीं पहुंच सकते वह मुझे फोन पर संपर्क करें और अगर उनमें देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा है और फौज में जाना चाहते हैं तो वह हर मार्गदर्शन के लिए चौबीसों घंटे तैयार है. वहीं गंभीर अपने क्षेत्र में बेटियों को भी पुलिस व अन्य सैनिक बल की तैयारी करवाने के लिए उनके माता पिता को मोटिवेट करते है.

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कौन है गंभीर सिंह
गंभीर सिंह का फौज की नौकरी का सफर भी शानदार रहा है. सन 2000 में उनकी भर्ती हुई 1 साल ट्रेनिंग के बाद उन्हें सेकेंड राजपूताना बटालियन में भेजा गया. 2004 में कमांडो ट्रेनिंग की इंडियन आर्मी की रिकमंडेशन के बाद वो एक साल के लिए साउथ अफ्रीका भेजे गए. वापस आकर NSG कमांडो विंग में 3 साल तक रहे तभी उनके एक घुटने के लिगामेंट में प्रॉब्लम होने पर वापस अपनी रेजिमेंट में उन्होंने ने ज्वाइन किया. अब देश के लिए अपनी सेवाएं देने के बाद वापस अपने गांव आकर अपनी खेती बाड़ी के साथ इस नेक काम को कर रहे हैं.

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