ग्वालियर घराने के ध्रुपद गायक पंडित विद्याधर व्यास को दिया गया तानसेन अलंकरण सम्मान
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ग्वालियर घराने के ध्रुपद गायक पंडित विद्याधर व्यास को दिया गया तानसेन अलंकरण सम्मान

 साल 1982 में विद्याधर व्यास के पिता पंडित नारायण राव व्यास को भी यह सम्मान प्रदान किया गया था.

तानसेन अलंकरण से नवाजे जाने पर पंडित विद्याधर व्यास ने खुशी जाहिर की.

शैलेंद्र सिंह भदौरिया/ग्वालियर: विश्व प्रसिद्ध संगीत समागम तानसेन समारोह का आगाज हो गया है. तानसेन समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम में शिरकत करने प्रदेश की संस्कृति मंत्री विजयलक्ष्मी साधो ग्वालियर पहुंची. इस वर्ष का तानसेन अलंकरण ग्वालियर घराने के ध्रुपद गायक पंडित विद्याधर व्यास को प्रदान किया गया. साल 1982 में विद्याधर व्यास के पिता पंडित नारायण राव व्यास को भी यह सम्मान प्रदान किया गया था. इसके अलावा राजा मानसिंह तोमर सम्मान कर्नाटक के निनामास हेगोड्डू को प्रदान किया गया. 

तानसेन अलंकरण से नवाजे जाने पर पंडित विद्याधर व्यास ने खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि यह उनके लिए गौरव की बात है कि उनके पिता के बाद सरकार ने इस विशिष्ट सम्मान के लिए उन्हें काबिल समझा. समारोह में विदेशी कलाकारों को बुलाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि विदेशी प्रतिभाओं को बुलाने में कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि, संगीत का समय भी लगातार परिवर्तित हो रहा है. ऐसे में एक दूसरे की संगीत संस्कृति से वाकिफ होना भी जरूरी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की जिम्मेदार संस्थाओं को चाहिए कि वह भारतीय शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने की दिशा में काम करें. 

वहीं, कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची संस्कृति मंत्री विजयालक्ष्मी साधो ने इशारों-इशारों में तत्कालीन बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 15 सालों में एक विशेष विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा था. सीएम कमलनाथ ने उन्हें जब संस्कृति मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी थी, तब उन्होंने साफ निर्देश दिए थे कि सभी संस्कृति और विचारधारा को आगे लेकर चलना है. यही कारण है कि एक साल में हमें विभिन्न अंचल में जाकर उनकी संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम किया है.

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