मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि 'महंगाई भगवान राम ने बढ़ाई है, क्योंकि यह चुनाव भगवान राम के नाम पर लड़ा गया था, लेकिन अब भगवान राम भी आज-कल काफी परेशान हैं क्योंकि उनका मंदिर आज तक नहीं बना.'
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नई दिल्लीः भारी जनादेश के साथ दोबारा सत्ता में आई मोदी सरकार ने बीते शुक्रवार को बजट पेश किया, जिसमें सरकार ने किसान, गरीब, गांव, महिलाओं और सरकारी नीतियों को फोकस में रखा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 2.0 के पहले पूर्ण बजट को पेश किया. अपने भाषण के दौरान उन्होंने पेट्रोल-डीजल पर एक रुपया सेस और एक रुपया एक्साइज ड्यूटी बढाने की घोषणा की, जिसके बाद से ही विपक्ष लगातार ही केंद्र सरकार पर निशाना साधा. ऐसे में अब मध्य प्रदेश के खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का भी बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के बजट को लेकर केंद्र पर तो तंज कसा ही, साथ ही साथ भगवान राम पर भी अजीबो-गरीब बयान दे बैठे.
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने पर कमलनाथ सरकार के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि 'महंगाई भगवान राम ने बढ़ाई है, क्योंकि यह चुनाव भगवान राम के नाम पर लड़ा गया था, लेकिन अब भगवान राम भी आज-कल काफी परेशान हैं क्योंकि उनका मंदिर आज तक नहीं बना. पेट्रोल-डीजल के दाम मोदी जी ने नहीं बढ़ाये भगवान राम ने बढ़ाये हैं. वह तो यह कहेंगे कि जो चुनाव जीता उसमे मंहगाई का मुद्दा नहीं था. भ्रष्टाचार, बेरोजगारी का मुद्दा नहीं था. क्यों नही था? चुनाव शहीद सैनिकों की विधवाओं के सिंदूर पर चुनाव लड़ा गया.'
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उन्होंने आगे कहा कि 'मुझे तकलीफ है कि लाखों गरीब भगवान राम को दिल से मानते हैं. अब जब पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफा होता ही जा रहा है तो मोदी जी के अनुयायी साइकिल पर चलने के लिए बाध्य होंगे. पैदल चलने के लिए बाध्य होगा यह काम किया है मोदी सरकार ने.' वहीं मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त कर लगाने पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्य सरकार को घेरा और कहा कि 'राज्य सरकार ने विधानसभा और विधायकों का अपमान किया है. जब बजट सत्र की अधिसूचना जारी हो चुकी है, बजट आने वाला है, उसके बाद बाहर टैक्स बढ़ाना विधानसभा का अपमान है. विधायकों का अपमान है. जब बजट पर चर्चा होती, विनियोग पर चर्चा होती तो उस वक्त वित्त मंत्री बोल सकते थे.'
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नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि 'बजट सत्र की की अधिसूचना जारी होने के बाद सदन के बाहर टैक्स बढ़ाने की घोषणा पर मुझे आपत्ति है. यह नहीं होना था. किसानों को इस वक्त डीजल की अधिक जरूरत है. पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने से राज्य के राजस्व को ही नुकसान होगा, क्योंकि माल भाड़ा वाले वाहन दूसरे राज्यों से डीजल भरवाएंगे.'