खुद को जिंदा साबित करने के लिए 3 साल से भटक रहा है शख्स, सरकारी कागजों में हो चुका है 'स्वर्गवासी'
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खुद को जिंदा साबित करने के लिए 3 साल से भटक रहा है शख्स, सरकारी कागजों में हो चुका है 'स्वर्गवासी'

युवक पोर्टल पर 'स्वर्गवासी' बना घूम रहा है और तीन साल से नगर निगम के चक्कर लगा रहा है कि कोई उसे कागजों में जिंदा कर दे.

कागजों में स्वर्गवासी बने घूम रहे हैं कृष्णकुमार सोनी

चंद्रशेखर सोलंकी/रतलामः समस्याओं को लेकर शासकीय कार्यालयों के बाहर भटकते किसी व्यक्ति को देखा जाना आम बात है, लेकिन क्या ऐसे शख्स को आपने देखा जो शासकीय कार्यालय के बाहर अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए रोज चक्कर लगा रहा हो, इतना ही नही खुद को जिंदा साबित करने के लिए सीएम को ट्वीट कर चुका हो. जी हां मध्यप्रदेश के रतलाम में एक शख्स खुद को जिंदा साबित करने के लिए तीन साल से सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है. मामला रतलाम के नेमीनगर का है, जहां एक युवक की समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन आईडी (SSSM)(ट्रिपल एसएम आईडी) में गड़बड़ी ने गलत अपडेट कर दिया. इसके बाद यह युवक पोर्टल पर 'स्वर्गवासी' बना घूम रहा है और तीन साल से नगर निगम के चक्कर लगा रहा है कि कोई उसे कागजों में जिंदा कर दे.

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दरअसल नेमीनगर में रहने वाले कृष्णकुमार सोनी अपनी ट्रिपल एसएम आईडी को अपडेट करवाने तीन साल पहले नगर निगम पहुंचे थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि वे शासकीय दस्तवेजो में उनकी मृत्यु दिनांक 24/12/2015 दर्ज हो चुकी है और वे ट्रिपल एसएम आईडी पोर्टल पर स्वर्गवासी हो गए है. नगर निगम के समग्र पोर्टल वालों ने उनकी आईडी को अपडेट तो नहीं किया, लेकिन उनका नाम काटकर नाम के आगे इंग्लिश में LATE यानी स्वर्गवासी जरूर लिख दिया. इसके बाद से ही वे अब तक स्वर्गवासी बने घूम रहे हैं और तीन साल से नगर निगम के चक्कर लगा रहे हैं कि कोई उन्हें कागजों में जिंदा कर दे.

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वे इस मामले की शिकायत आला अधिकारियों से लेकर सीएम कमलनाथ को ट्वीट करके भी कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला और फिर ऐसी गड़बड़ी हो भी क्यो न, अंधेर नगरी चौपट राजा की तर्ज़ पर काम कर रही नगर निगम ने ट्रिपल एसएम आईडी के कार्य का प्रभार भी एक ऐसे लेखपाल कर्मचारी को दिया. जो खुद बयान कर रहे है कि वे इस कार्य के बारे में कोई जानकारी नही रखते और उन्हें कम्प्यूटर का भी नॉलेज नही है.

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इस मामले में नगर निगम के समग्र आईडी के प्रभारी जगदीश पांचाल  का कहना है कि गलती भोपाल समग्र पोर्टल वालों की है और एनआईसी प्रबंधक भोपाल से ही पीड़ित का नाम जुड़ेगा. नाम जोड़ना उनके हाथ में नहीं है. नगर निगम के अधिकारी पीड़ित को एनआईसी भोपाल के नाम का एक दस्तावेज थमाकर ऑफिस-ऑफिस खेल रहे हैं और जिंदा कृष्ण कुमार सोनी अपने हाथ मे स्वर्गवासी होने के दस्तावेज को खुद गलत साबित करने के लिए शासकीय दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं.

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