कोरोना की पहली लहर में इन स्वास्थ्य कर्मियों को नौकरी पर रख लिया गया था. फिर 6 महीने बाद काम निकलने पर उन्हें नौकरी से हटा दिया गया.
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कनिराम/आगर मालवा: कोरोना संकट के बीच अपनी मांगों को लेकर कई दिनों से जिले में हड़ताल कर रहे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का अनोखा प्रदर्शन देखने को मिला. स्वास्थ्यकर्मियों ने पीपीई किट पहनकर राहगीरों से भीख मांग कर प्रदर्शन किया.
ज्ञापन सौंपा
जिला मुख्यालय पर प्रमुख चौराहे पर प्रदर्शन के दौरान वहां से गुजर रहे कुछ राहगीरों ने उनके भिक्षापात्र में रुपए डालकर समर्थन भी किया. प्रदर्शन के बाद स्वास्थ्यकर्मियों ने CMHO और कलेक्टोरेट पहुंचकर अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपा है.
स्वास्थ्यकर्मियों का आरोप
हड़ताल कर प्रदर्शन कर रहे संविदा स्वास्थ्यकर्मियों का कहना था कि सरकार महामारी के दौरान उनका उपयोग कर हटा रही है. पहले भी कोरोना की पहली लहर में उनको नौकरी पर रख लिया गया था. फिर 6 महीने बाद काम निकलने पर उन्हें नौकरी से हटा दिया गया. फिर से कोरोना की दूसरी लहर में जरूरत पड़ने पर उन्हें काम पर रख लिया गया है. अब एक माह का और समय बताकर निकालने की तैयारी हो रही है. जबकि यह कर्मचारी कोरोना महामारी में अपनी जान पर खेलते हुए लोगों की सेवा में लगे हुए थे. इस दौरान उनका परिवार और वे संक्रमित भी हुए, इसके बावजूद इन सबकी परवाह करे बगैर वे असली कोरोना योद्धाओं की तरह लोगों की सेवा करते रहे.
मांग क्या है
प्रदर्शनकारियों ने सरकार से उन्हें नियमित करने की मांग की है. प्रदर्शनकारी सुखांत ने कहा कि वह सरकार को बताना चाहते हैं कि यदि उन्हें नौकरी से निकाला जाता है तो उनकी माली खराब हो जाएगी और उन्हें भीख मांगकर अपना और परिवार चलाना पडे़गा.
पीपीई किट में भिक्षा मांग रहे कर्मचारियों को देख राहगीर पहले तो अचंभित हो गए. फिर मामला जानने के बाद उन्होंने भिक्षा पात्र में राशी देकर इनकी मांगों का समर्थन भी किया.
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