सतना के अनाथालय में पल रही एक बेटी को आखिरकार सात समंदर पार की गोद नसीब हो गई.
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सतना: सतना के अनाथालय में पल रही एक बेटी को आखिरकार सात समंदर पार की गोद नसीब हो गई. अमरीका के अलबामा शहर के रहने वाले आर्किटेक्ट दंपति बच्ची को गोद लेने के लिए सतना पहुंचे और अंतरराष्ट्रीय मापदंडो के अनुसार बच्ची को गोद लेने की प्रक्रिया पूरी की गई. प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही बच्ची को गोद लेने वाले माता पिता और मातृछाया के लोगों की खुशी देखते ही बनी.
दरअसल 18 माह की इस बच्ची को उसके मां बाप जिला अस्पताल में भगवान भरोसे छोड़ कर चले गए थे. तब से यह बच्ची मातृछाया में ही पल रही थी. आज जैसे ही इस बच्ची को इसकी गोद लेने वाली मां की गोद में दिया गया उसकी आंखों से आंसू गिरने लगे.
पहली बेटी हार्ट पेशेंट
आर्किटेक्ट दंपति के पहले से दो संतानें हैं, एक बेटी और एक बेटा. उनकी बेटी को हार्ट प्रॉब्लम है. जिसकी वजह से आज कल वह बीमार रहती है. यही वजह है कि उन्होंने एक और बेटी को एडॉप्ट किया है. बेटी को गोद लेने के बाद दोनों बहुत खुश हैं.
कोविड के कारण इंडिया नहीं आ पाए
अनाथ बच्ची को गोद लेने वाले अमेरिकी पिता जॉन डेविड मिलर को इस क्षण का बेसब्री से इंतजार था, लेकिन कोविड के कारण वो इंडिया नहीं आ पा रहे थे. कोविड प्रोटोकॉल में छूट मिलते ही वो सीधे इंडिया आ गए और इस बच्ची को अपना लिया.
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इस साल 5 बच्चों को नए माता पिता मिले
सतना में मातृछाया शासन से अनुदान प्राप्त संस्था है, जिसमें 6 वर्ष से छोटे बच्चों को रखा जाता है. इस संस्था द्वारा अब तक 9 बच्चे विदेश सरजमीं में गोद दिए गए हैं. अकेले इस साल में ही 5 बच्चों को उनके नए माता पिता मिले है.
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