शिव-ज्योति एक्सप्रेस की सफलता के बाद BJP ने बनाया ''त्रिशूल मिशन'', निकाय चुनाव पर है खास फोकस
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शिव-ज्योति एक्सप्रेस की सफलता के बाद BJP ने बनाया ''त्रिशूल मिशन'', निकाय चुनाव पर है खास फोकस

मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव के लिए बीजेपी (bjp) एक मिशन बनाया है, जिसके जरिए पार्टी निकाय चुनाव में जीत दर्ज करना चाहती है. 

बीजेपी का मिशन त्रिशूल

भोपालः मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में बीजेपी (bjp) नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटी है. खास बात यह है कि 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के दौरान बीजेपी की शिव-ज्योति एक्सप्रेस की चर्चा खूब हुई थी. अब निकाय चुनाव में त्रिशूल की एंट्री हुई है. सत्ताधारी बीजेपी ने नगरीय निकाय चुनाव जीतने के लिए त्रिशूल (trishul) नाम से एक मिशन बनाया है. इस त्रिशूल के दम पर ही बीजेपी निकाय चुनाव जीतना चाहती है. 

क्या है बीजेपी का ''मिशन त्रिशूल"
बीजेपी के इस मिशन त्रिशूल की चर्चा सियासी गलियारों में शुरू हो गई है. ऐसे में लोग यह जानना चाह रहे हैं कि बीजेपी का मिशन त्रिशूल है क्या. दरअसल, बीजेपी ने सत्ता, संगठन, जनप्रतिनिधि तीनो को मिलाकर मिशन त्रिशूल बनाया है. बताया जा रहा है कि बीजेपी त्रिशूल के जरिए सत्ता, संगठन और जनप्रतिनिधियों में तालमेल बनाएगी, ताकि निगम में चुनाव में मिलकर काम हो और पार्टी को जीत मिल सके. 

BJP त्रिशूल के जरिए 50 फीसदी से ज्यादा वोट बटोरने की तैयारी में
नगरीय निकाय में चुनाव में बीजेपी अपना दबदबा बनाए रखने के लिए मिशन त्रिशूल को ही सबसे बड़ा हथियार बनाने जा रही है. बीजेपी ने प्लान बनाया है कि मिशन त्रिशूल के जरिये नगरीय निकाय चुनाव में 50 फीसदी से भी ज्यादा वोट बटोरे जाएं. मिशन त्रिशूल को लेकर बीजेपी नेता हितेश वाजपेयी ने बताया कि इस मिशन के जरिए हम सत्ता और संगठन में समनव्यय बनाएंगे, जबकि जनप्रतिनिधि बिखरे हुए वोटरों को संभालेंगे. सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का काम संगठन द्वारा किया जाएगा. जबकि जनप्रतिनिधि हर मोर्चे पर मजबूती से खड़े रहेंगे. 

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कांग्रेस ने साधा निशाना 
बीजेपी के मिशन त्रिशूल पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी  हर इलेक्शन से पहले एक नया जुमला लाती है. उपचुनाव के समय शिव ज्योति एक्सप्रेस लाए थे, जिसके टायर पंचर हो गए और शिव ज्योति एक्सप्रेस ग्वालियर में खड़ी है. विधानसभा चुनाव के समय नमो-शिवाय लेकर आए थे जिसकी जनता ने हवा निकाल दी थी. अब त्रिशूल लेकर आए हैं इससे कुछ होने वाला नहीं है जनता इनकी सच्चाई समझ चुकी है 

विधानसभा और उपचुनाव में भी इस तरह बीजेपी ने चलाए थे अभियान 
दरअसल, बीजेपी हर चुनाव से पहले नई रणनीति तैयार करती है. 2018 के विधानसभा के चुनाव के समय बीजेपी ने नमो-शिवाए अभियान चलाया था. जिसमें नमो यानि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवाय यानि शिवराज सिंह चौहान के जरिए केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाने के लिए बीजेपी का कार्यकर्ताओं ने काम किया था. इसी तरह 28 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के दौरान बीजेपी ने शिव-ज्योति एक्सप्रेस नाम से एक कैंपेन चलाया था. जिसका पार्टी को अच्छा फायदा हुआ और बीजेपी 28 में से 19 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी. ऐसे में पार्टी ने अब निकाय चुनाव के लिए मिशन त्रिशूल बनाया है. 

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सभी निकायों पर है बीजेपी का कब्जा 
मध्य प्रदेश में 16 नगर निगम हैं, फिलहाल इन सभी निगमों में बीजेपी का कब्जा है. ऐसे में इस बार भी बीजेपी अपना पिछला प्रदर्शन दोहराना चाहती है. यही वजह है कि पार्टी लगातार निकाय चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं और नेताओं में समनव्यय बनाए रखना चाहती है. खास बात यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की बीजेपी में एंट्री के बाद से पार्टी उनका फायदा भी निकाय चुनाव में उठाना चाहती है. 

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