मध्यप्रदेश की राजनीति में बजरंग दल का मुद्दा गरमाया हुआ है. जहां एक ओर कांग्रेस ने कुछ वरिष्ठ नेताओं ने सरकार बनने पर दल पर बैन लगाने के संकेत दिए हैं, वहीं कांग्रेस विधायक ने लक्ष्मण सिंह ने बजरंग दल के सपोर्ट में बयान दिया है.
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Madhya Pradesh News: कर्नाटक चुनाव में बजरंग दल को लेकर मचे बवाल के बाद मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस ने इस पर प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए, लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भाई और विधायक लक्ष्मण सिंह ने बजरंग दल का सपोर्ट किया है. शुक्रवार को इंदौर पहुंचे लक्ष्मण सिंह ने कहा कि कांग्रेस मध्यप्रदेश में बजरंग दल पर प्रतिबंध नहीं लगाएगी, क्योंकि बजरंग दल देश विरोधी दल नहीं हैं.
सिंह ने कहा कि बजरंग दल कभी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल भी नहीं रहा है. साथ ही देश की सबसे बड़ी एजेंसी एनआईए ने भी कभी बजरंग दल को बैन करने की बात नहीं कही है. ऐसे में इसे बैन करने का सवाल ही नहीं उठता है. बजरंग दल में एंटी नेशनल कुछ भी नहीं हैं. इस पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता नहीं हैं. लक्ष्मण सिंह के इस बयान को पार्टी लाइन से हटकर माना जा रहा है, क्योंकि पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के संकेत दे चुके हैं.
केरल में धर्मांतरण की घटनाएं सही है: लक्ष्मण सिंह
इतना ही नहीं लक्ष्मण सिंह हाल ही रिलीज हुई फिल्म द केरल स्टोरी के पक्ष में भी खडे़ दिखाई दिए. उन्होंने कहा, "केरल में धर्म परिवर्तन की घटनाएं होती हैं. मैंने 1975 में केरल में चाय की कंपनी में नौकरी की है. उस दौरान भी हम इस तरह की घटनाओं के बारे में सुनते थे. वहां कई ऐसे परिवार हैं, जो लव जिहाद के शिकार हुए हैं. फिल्म मैंने नहीं देखी है,लेकिन इस तरह की घटनाएं केरल में होती हैं."
दिग्विजय ने दिए बैन लगाने के संकेत
इससे पहले जब दिग्विजय सिंह से पूछा गया था कि क्या कर्नाटक की तरह मध्यप्रदेश में भी बजरंग दल पर बैन लगाया जा सकता है? क्या आगामी विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में इसे शामिल किया जाएगा? तो इस पर दिग्विजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला है कि कोई भी व्यक्ति जाति, धर्म के खिलाफ भड़काने वाला भाषण देता है. तो उस पर राज्य सरकार कार्रवाई कर सकती है. हम उस पर कायम रहेंगे.