देवास में शनिवार को तहसीलदार पूनम तोमर और शहर काजी के बीच जमकर नोक-झोंक हुई है. पढ़िए पूरी खबर...
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देवास: देवास के नुसरत नगर में जब एक महिला तहसीलदार शासकीय शुल्क की वसूली के लिए पहुंचीं तो वहां बवाल खड़ा हो गया. वसूली की कार्रवाई को लेकर तहसीलदार और देवास के शहर काजी के बीच पहले तो बहसाजी हुई और फिर मामला तीखी नोक-झोंक तक पहुंच गया. इस दौरान शहरकाजी ने इतना तक बोल दिया कि "क्या आप शहर का माहौल खराब करना चाहती हैं ?".
ये पूरी घटना नुसरत नगर में स्थित एक मदरसा की है, जहां शनिवार को प्रशासन की टीम शासकीय शुल्क की वसूली ना होने के कारण कुर्की करने पहुंची थी. इस दौरान वहां पर मौजूद शहर काजी और तहसीलदार पूनम तोमर के बीच कार्रवाई को लेकर बहस हो गई.
क्या था मामला
दरअसल 2009 और 2010 में देवास के नुसरत नगर स्थित जमीन पर शैक्षणिक डायवर्जन कर मदरसे का निर्माण किया गया था, लेकिन मदरसे के बाहर खुली जमीन पर 2013-14 में ग्वालियर से महालेखाकार की ऑडिट टीम ने आपत्ति लगाकर 1 लाख 66 हजार का शासकीय शुल्क भरने का आदेश जारी किया गया था. 2013 से अभी तक मदरसे द्वारा ये राशि जमा नहीं की गई थी, जिसके चलते वसूली के लिए कुर्की की कार्रवाई करने आज प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची थी. इस दौरान तहसीलदार और शहरकाजी की आपस में बहस हुई. इसके बाद ये मामला उच्चाधिकारियों के पाले में पहुंच गया है.
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तहसीलदार का क्या कहना है
तहसीलदार पूनम तोमर ने इस मामले में बताया कि 'नुसरत नगर में स्थित एक मदरसे में प्रशासन की टीम कार्रवाई करने पहुंची थी, जहां से वसूली नहीं हो पाई है.आज से प्रशासन की टीम ने शासकीय शुल्क की वसूली का अभियान शुरू कर दिया है, 30 मार्च तक शासकीय शुल्क की वसूली की जाएगी'.
मदरसा समिति का क्या कहना है
इस मामले में मदरसे संचालन समिति का कहना है कि मदरसे में गरीब बच्चों की तालीम होती है और ऐसे मदरसों को सरकार भी मदद करती है. ऐसे में मदरसों पर इस तरह की कार्रवाई अनुचित है.
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