नई दिल्लीः 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट की तैयारियां शुरू हो गई हैं. केंद्रीय वित्त मंत्रालय की तरफ से राजधानी दिल्ली के नार्थ ब्लॉक में परंपरागत ''हलवा सेरेमनी'' के आयोजन के साथ ही बजट की प्रक्रिया की शुरूआत हो गई.
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नई दिल्लीः 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट की तैयारियां शुरू हो गई हैं. केंद्रीय वित्त मंत्रालय की तरफ से राजधानी दिल्ली के नार्थ ब्लॉक में परंपरागत ''हलवा सेरेमनी'' के आयोजन के साथ ही बजट की प्रक्रिया की शुरूआत हो गई. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय वित्तराज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने वरिष्ठ अधिकारियों को खुद अपने हाथ से हलवा खिलाया. लेकिन क्या आप जानतें है कि बजट पेश होने से पहले हलवा सेरेमनी का आयोजन क्यों किया जाता है.
क्या है हलवा सेरेमनी
हलवा सेरेमनी एक ऐसी परंपरा है जो हर साल बजट से पहले मनाई जाती है. दरअसल, भारतीय परंपराओं के अनुसार किसी भी शुभ काम की शुरूआत करने से पहले मुंह मीठा कराया जाता है. ताकि काम अच्छे से हो. खास बात यह है कि मिठाई के तौर पर हलवा काफी शुभ माना जाता है, इसलिए बजट पेश करने से पहले हलवा खिलाने की परंपरा देश में शुरू की गई. इस रस्म के मुताबिक एक लोहे के बड़े बर्तन में हलवा बनवाया जाता है. जिसे वित्त मंत्रालय के सभी कर्मचारियों में बांटा जाता है और इसके बाद बजट की छपाई का काम शुरू हो जाता है. हालांकि ऐसा पहली बार हो रहा है जब बजट के दस्तावेजों की छपाई नहीं हो रही है, बल्कि उन्हें डिजिटल तरीके से पीडीएफ में बनाया जा रहा है.
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10 दिन पहले होती है हलवा सेरेमनी
बजट पेश होने के 10 दिन पहले हलवा सेरेमनी आयोजित की जाती है. जहां वित्त मंत्रालय के सभी कर्मचारियों को हलवा खिलाया जाता है. इसके बाद करीब 100 कर्मचारी अगले 10 दिनों तक नार्थ ब्लॉक के अंदर बाहरी दुनिया से दूर होकर बजट तैयार करने में जुटे रहते हैं. इस दौरान उन्हें किसी भी बाहरी व्यक्ति से संपर्क करने की इजाजत नहीं रहती है. जाहिर है हर साल वित्तीय बजट से सरकार, उद्योग और आम लोगों को काफी उम्मीदें होती हैं. इसलिए यह कार्य काफी महत्वपूर्ण होता है. दस दिनों तक कर्मचारी सब कुछ छोड़ कर एकाग्रता से बजट छपाई के काम में जुड़ें रहते हैं, इसलिए हलवा खिलाकर एक तरीके से उन कर्मचारियों को उत्साहित किया जाता है. जैसा कि हर बड़े काम से पहले करने की परंपरा हमारे देश में रही है.
कैसे बनता है बजट का हलवा
खास बात यह है कि बजट का हलवा भी बड़े अलग अंदाज में तैयार किया जाता है. पहले सभी कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक में इकट्ठा होते हैं. उसके बाद एक बड़ी सी लोहे की कड़ाही चूल्हे पर गर्म होने के लिए चढ़ाया जाता है. जिसके बाद वित्त मंत्री कड़ाही में घी डालते हैं और हलवा बनाने की शुरुआत करते हैं. इसके बाद हलवा तैयार किया जाता है. जब हलवा बन जाता है तो खुद वित्त मंत्री अपने हाथों से सभी कर्मचारियों को हलवा खिलाते हैं. यह परंपरा देश में काफी लंबे समय से चली आ रही है.
हलवा सेरेमनी का इतिहास
जहां तक हलवा सेरेमनी के इतिहास का सवाल है, तो जब यह आयोजन पहली बार हुआ था इसका कोई ऐतिहासिक साक्ष्य मौजूद नहीं है. न ही कोई ऐतिहासिक जानकारी है. लेकिन जब भी यह परंपरा शुरू हुई होगी तब से ही यह जारी है.
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कौन-कौन हुए शामिल
नॉर्थ ब्लॉक में हुई हलवा सेरेमनी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, वित्त मंत्रालय के सचिव और मंत्रालय के अन्य अधिकारी शामिल हुए. इसके अलावा बजट तैयार करने वाली टीम के कुछ लोग भी इस हलवा सेरेमनी में शामिल होते है. गौरतलब है कि बजट तैयार करने वाली टीम हलवा सेरेमनी के बाद किसी के संपर्क में नहीं रहती है, जब तक बजट तैयार नहीं हो जाता है. यह लोग परिवार से भी संपर्क में नहीं रहते हैं.
कमरें में बंद क्यों रहते हैं कर्मचारी
दरअसल, 'हलवा रस्म' से पहले बजट छपाई में शामिल होने वाले सभी कर्मचारियों की लिस्ट तैयार की जाती है. उन्हें दस दिन पहले नॉर्थ ब्लॉक लाया जाता है. जहां पर उनके रहने, खाने और सोने की व्यवस्था पहले से सुनिश्चित की जाती है. 'हलवा रस्म' की शुरूआत से पहले ही सभी से मोबाइल फोन ले लिए जाते हैं. जैसे ही छपाई का काम शुरू होता है उनका बाहरी दुनिया से कनेक्शन पूरी तरह से खत्म हो जाता है. वो इस अवधि के दौरान किसी भी तरीके के संचार माध्यम से दूर रहते हैं. उन्हें अपने परिवार से संपर्क करने की भी अनुमति नहीं होती है.
बजट की छपाई से पहले कर्मचारी प्रिंटिंग से पहले प्रूफ रीडिंग करते हैं और किसी तरह की गलती को ठीक करते हैं. इस दौरान उन्हें अगले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार द्वारा लिए जाने वाले सभी फैसलों की जानकारी हो जाती है. ऐसे में अगर वो किसी भी बाहर के व्यक्ति से संपर्क करते हैं तो सरकार की नीतियों की जानकारी लीक होने का डर होता है. इसलिए सभी कर्मचारियों को कमरें में बंद रखा जाता है.
क्या है प्रिंटिंग की प्रक्रिया
संसद में बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री का भाषण एक सबसे सुरक्षित दस्तावेज माना जाता है. यह बजट की घोषणा होने के दो दिन पहले मध्यरात्रि में प्रिंटर्स को दिया जाता है. शुरुआत में बजट पेपर्स राष्ट्रपति भवन पर प्रिंट होते थे, लेकिन 1950 में बजट लीक हो गया था और प्रिंटिंग वेन्यू मिंटो रोड पर एक प्रेस में स्थानांतरित कर दिया गया. जिसके बाद 1980 से बजट नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में प्रिंट हो रहा है.
1 फरवरी को पेश होगा बजट
वित्तीय वर्ष 2021-22 का आम बजट वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को पेश करेगी. इससे पहले बजट सत्र की शुरूआत 29 जनवरी से हो रही है. राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही अलग-अलग चलेगी. पहले सुबह 9 बजे से राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होगी जो दोपहर 2 बजे तक चलेगी. इसके बाद शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक लोकसभा की कार्यवाही चलेगी. बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी से 15 फरवरी 2021 तक चलेगा. जबकि दूसरा सत्र 15 फरवरी से 8 मार्च 2021 तक चलेगा. ऐसा पहली बार होगा जब बजट डिजिटल तरीके से पेश किया जाएगा.
बजट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 30 जनवरी को सर्वदलीय बैठक का आयोजन भी किया गया है. इस बैठक में सरकार अपने कामकाज से देश के दूसरे दलों को अवगत कराएगी. संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह बैठक डिजिटल माध्यम से होगी और इस सिलसिले में सभी दलों के सदन के नेताओं को सूचना दे दी गई है. संसद सत्र की शुरुआत से पहले सर्वदलीय बैठक आहूत किए जाने की परम्परा रही है. हालांकि इस बार सत्र की शुरुआत के एक दिन बाद यह बैठक हो रही है. सत्र 29 जनवरी से आरंभ हो रहा है.
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