देश का पहला खंडित शिवलिंग, जहां होती है महादेव की पूजा, औरंगजेब ने किया था हमला
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh863686

देश का पहला खंडित शिवलिंग, जहां होती है महादेव की पूजा, औरंगजेब ने किया था हमला

 मुगल साम्राज्य के क्रूर शासक औरंगजेब को इस स्थान की प्रसिद्धि के बारे में ज्ञात हुआ तो वह अपनी सेना लेकर शिवधाम आया और अपनी धारदार तलवार से उसने जैसे ही शिवलिंग पर तलवार से हमला कर दिया.

सांकेतिक तस्वीर.

सतना: अगर आपके घर में रखी किसी भी देवी-देवता की प्रतिमा खंडित हो जाती है तो आप अनहोनी की आशंका मात्र से सिहर उठते हैं. यूं तो शास्त्रों में भी खंडित प्रतिमा की पूजा निषेध मानी जाती है, मगर सतना जिले के बिरसिंहपुर में खंडित गैवीनाथ शिवलिंग की पूरे श्रद्धा के साथ पूजा की जाती है. इसके पीछे का इतिहास बहुत दिलचस्प है. आइए जानते हैं...

महादेव के इस मंदिर में पहली बार मनाई जा रही महाशिवरात्रि, कारण जान रह जाएंगे हैरान

दरअसल मध्य प्रदेश के सतना मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित है बिरसिंहपुर कस्बा. इसी कस्बे में तालाब किनारे गैवीनाथ नाम का शिवमंदिर स्थापित है. किवदंतियों की मानें तो कभी यह देवपुर नगरी हुआ करती थी. इस नगरी के राजा वीर सिंह थे. वह उज्जैन महाकाल के अनन्य भक्त थे. राजा वीर रोजाना महाकाल के दर्शन करने देवपुर से उज्जैन जाया करते थे. जब उनकी उम्र ज्यादा हो गई तो वह रोजाना उज्जैन जाने में असमर्थ हो गए.

राजा की मांग पर प्रकट हुए
उन्होंने अपने मन में सोचा कि काश महाकाल देवपुर नगरी में विराजते तो वह रोजाना उनके दर्शन कर पाने में समर्थ होते. कहा जाता है कि महाकाल राजा वीर की भक्ति से इतने अभिभूत हुए कि देवपुर नगरी जो अब बिरसिंहपुर के नाम से जाना जाता है, गैवीनाथ के घर शिवलिंग के रूप में प्रकट हो गए.

औरंगजेब ने किया था हमला
इस ​शिव मंदिर से जुड़ी एक कहानी प्रचलित है कि मुगल साम्राज्य के क्रूर शासक औरंगजेब को जब इस स्थान की प्रसिद्धि के बारे में ज्ञात हुआ तो वह अपनी सेना लेकर बिरसिंहपुर पहुंच गया. उसने अपनी धारदार तलवार से गैवीनाथ शिवलिंग के दो टुकड़े करने का प्रयास किया. लेकिन शिवलिंग 3 हिस्सों में बंट गया.

औरंगजेब उस दौरान वो पूरे भारत वर्ष में मंदिरों को तोड़ रहा था. गैवीनाथ शिवलिंग के ऊपर 5 टंकिया लगी हुई थीं. औरंगजेब ने अपनी तलवार से जब शिवलिंग को खंडित किया तो, कहा जाता है कि पहली टंकी से दूध, दूसरी टंकी से शहद, तीसरी टंकी से खून, चौथी टंकी से गंगाजल और पांचवी टांकी से मधुमक्खियां निकलीं. मधुमक्खियों ने औरंगजेब पर हमला कर दिया. वह मंदिर से उल्टे पांव भाग खड़ा हुआ. इस घटना के बाद इस लोगों के बीच इस शिवलिंग को लेकर आस्था और बढ़ गई.

महाशिवरात्रि 2021: कहां हैं देश के 12 ज्योतिर्लिंग और उनकी क्या विशेषता है, जानिए

आज भी मौजूद हैं औरंगजेब की तलवार के निशान
औरंगजेब द्वारा जिस गैवीनाथ शिवलिंग पर तलवार से वार किया गया, उस पर आज भी चोट के निशान दिखाई देते हैं. देश के कोने-कोने से महाशिवरात्रि और सावन मास में महादेव के दर्शन करने श्रद्धालु गैवीनाथ धाम पहुंचते हैं. मंदिर से सटे तालाब के बारे में कहा जाता है कि यह हमेशा पानी से भरा रहता है. इसकी धार उज्जैन के क्षिप्रा नदी से जुड़ी है. भगवान शिव की कृपा से यह कभी नहीं सूखता.

WATCH LIVE TV

Trending news