सरकारी डॉक्टर को जिला अस्पताल में नहीं मिला आईसीयू बेड, कोरोना के चलते गई जान
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सरकारी डॉक्टर को जिला अस्पताल में नहीं मिला आईसीयू बेड, कोरोना के चलते गई जान

मृतक डॉक्टर के भाई मोहम्मद शकील उर रहमान ने बताया कि सिंगोड़ी स्वास्थ्य केंद्र में स्थित कोविड सेंटर में 28 मार्च को इनकी ज्वाईनिंग हुई थी.

फाइल फोटो.

छिंदवाड़ाः कोरोना ने देश को हिलाकर रख दिया है. कोई आम व्यक्ति हो या फिर खास जो भी इस वायरस की चपेट में आ रहा है वो परेशानियां झेल रहा है. ये ही वजह है कि अब भारत में रोज़ के आंकड़े डराने वाले आ रहे हैं. संक्रमित लोगों को अपनों से बिछड़ना पड़ रहा है. इस बीच छिंदवाड़ा से एक दुःखद खबर सामने आयी है. छिंदवाड़ा के जिला अस्पताल की हालत बदत्तर होती जा रही. आम लोगों को इलाज तो पहले से ही नहीं मिल रहा था, अब एक डॉक्टर के साथ भी ऐसा ही हुआ है. छिन्दवाड़ा के सिंगोड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एक डॉक्टर कोरोना संक्रमितों का इलाज करते हुए खुद संक्रमित हो गए. डॉक्टर को लाख कोशिशों के बाद भी जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड में पलंग नहीं मिला. आखिरकार इलाज के अभाव में डॉक्टर ने दम तोड़ दिया.

क्या है मामला
सिंगोड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कोविड सेंटर में कार्यरत डाक्टर की कोरोना से मौत हो चुकी है. संक्रमित डॉक्टर ने इलाज के अभाव में जिला अस्पताल में ही दम तोड़ दिया. अपनी जान की परवाह करे बगैर जी-जान से मेहनत कर कोरोना से संक्रमित मरीजों की सेवा करते हुए 36 वर्षीय डॉक्टर रहमान की कोरोना से लड़ते लड़ते जिला अस्पताल में मौत हो गई. 

मृतक डॉक्टर के भाई मोहम्मद शकील उर रहमान ने बताया कि सिंगोड़ी स्वास्थ्य केंद्र में स्थित कोविड सेंटर में 28 मार्च को इनकी ज्वाईनिंग हुई थी. वहीं दिनांक 9 अप्रैल के दिन खुद को सर्दी ज़ुखाम होने पर कोविड 19 की कोरोना जाँच करवाई तो अगली 14 अप्रैल को इनकी पॉजीटिव रिपोर्ट आयी. इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती हुए पर कोरोना महामारी से लड़ते लड़ते दिनांक 17 अप्रैल को इन्होंने दम तोड़ दिया. जिले के शासकीय अस्पतालों में भाई और भाभी दोनों डाक्टर हैं बावजूद इसके इन्हें आईसीयू में पलंग तक नहीं मिला और न ही ऑक्सीजन. 

डॉक्टर पत्नी ने सिविल सर्जन एवं कोविड अधिकारी सहित अन्य सह कर्मियों से मदद की गुहार लगाई परन्तु आमजनो की जान बचाने वाले को खुद की जान बचाने वाले नहीं मिले।

पति-पत्नी दोनों डॉक्टर
पत्नी जिला अस्पताल में तो पति सिंगोड़ी सरकारी अस्पताल में कोविड मरीजो की देख रेख कर उनकी सेवा कर रहे थे. मगर इन्हें क्या मालूम था कि इसी बीमारी की वजह से पति की मौत हो जाएगी. डॉक्टर दम्पति की एक साल की बेटी है जिसे उन्होंने अपने से दूर रखा हुआ था.

  

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