एक ओर जहां सर्पदंश से होने वाले मौतों के आंकड़े हर साल बढ़ते जा रहे है, तो दूसरी ओर केवल अपने नाम कि पहचान के लिए झाड़-फूंक बाबा ग्रामीणों कि जान के साथ खेल रहे है.
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सूरजपुर: सूरजपुर (surajpur) जिले मे अंधविश्वास और आस्था का वास्ता कोई नई बात नहीं है. जहां हर दस ग्राम पंचायत के बाद एक झाड़-फूंक करने वाला बाबा आपको आसानी से नजर आ जाएगा और उस पर विश्वास करने वाले ग्रामीण भी. आज हम एक ऐसे ही बाबा के बारे में बताने जा रहे है. जो सर्पदंश (snake bite) के मरीजों को झाड़-फूंक से इलाज कर ठीक करने का दावा करता है और रोजाना उसके पास सर्पदंश के मरीजों कि भीड़ भी लगी रहती हैं.
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थाली चिपका का इलाज होता है
इस बात में कोई शक नहीं कि ढोंगी बाबाओं की देश मे कोई कमी नहीं है, लेकिन खतरनाक इलाज को झाड़-फूंक से ठीक करने वाले बाबा तो शरीर पर थाली चिपकाकर सर्पदंश के इलाज करने का दावा करता है. झाड़-फूंक करने वाले नरेन्द्र बाबा का दावा कि उनके इलाज से सर्पदंश के मरीज ठीक हो जाते हैं.
बाबा को 8 बार सांप काटा
दरअसल एक नरेन्द्र नाम के बाबा इस बाबा का दावा है कि उसे आठ बार सांप ने काटा है लेकिन उसे कुछ नहीं होता. इसी तरह कि बाते वो गांवों में फैला रखा है. जिससे दूर-दराज के सर्पदंश के मरीज अस्पताल न जाते हुए इस बाबा के चंगुल मे फंस कर अपना इलाज कराने पहुंच जाते है. यह पुरा मामला शिक्षित विकासखंड भैयाथान के महज थोडी दूर स्थित तरका गांव का है. जहां इलाज कराने पहुंचने वाले ग्रामीण भी पूरी तरह से बाबा से आश्वस्त हैं.
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जान के साथ हो रही खिलवाड़
एक ओर जहां सर्पदंश से होने वाले मौतों के आंकड़े हर साल बढ़ते जा रहे है, तो दूसरी ओर केवल अपने नाम कि पहचान के लिए झाड़-फूंक बाबा ग्रामीणों कि जान के साथ खेल रहे है. जहां ग्रामीणों का मानना है कि अस्पताल दूर होने और अव्यवस्थित होने के कारण ही इन बाबाओं कि दुकान चल रही है. प्रशासन और चिकित्सा विभाग के ग्रामीणों को जागरुक करने के लिए कई तरह के अभियान के दावों कि पोल इन बाबाओ के झाड़-फूंक ने खोल दी है.
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