छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला सांपों का गढ़ बनता जा रहा है. यहां एक ही घर में 2 दर्जन से ज्यादा सांप निकले हैं.
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नीलम पड़वार/कोरबाः छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले को सर्पलोग कहा जाता है. लेकिन अब छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला भी नागलोक बनता जा रहा है. यहां सालभर सांपों के निकलने का सिलसिला जारी रहता है. कोबरा, अहिराज, रेट स्नैक, अजगर जैसे खतरनाक सांप अब जंगल मे कम बल्कि शहर की बस्तियों और घरों में ज्यादा नजर आने लगे है. सांपो के बस्तियों और घरों से निकलने से लोग काफी डर में है. ऐसा ही डर कोरबा के शांति नगर इलाके में चल रहा है.
एक घर में निकले 2 दर्जन सांप
दरअसल, कोरबा में रहने वाले नगर निगम रामनाथ साहू के घर से अचानक सांप निकलने की खबर सामने आई. जानकर हैरानी होगी कि रामनाथ साहू के घर में एक दो नहीं बल्कि 2 दर्जन से भी ज्यादा सांप निकले. जिन्हें रेस्क्यू करने में वन विभाग की रेस्क्यू टीम को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी. जहां घंटो बीत जाने के बाद भी सांप लगातार निकलते ही रहे. जिसके बाद रेस्क्यू टीम ने भी हार मान ली और दोबारा सांप निकलने की सूचना पर दोबारा रेस्क्यू करने की बात कर वापस चले गए.
सांपों को देखते ही परिवार के सदस्यों में मची अफरा-तफरी
जब निगम कर्मी रामनाथ साहू के घर से सांपों के निकलने का सिलसिला शुरू हुआ उस समय घर मे 6 लोग मौजूद थे जिनमें 2 छोटे बच्चे भी शामिल थे. जब अचानक परिवार के सदस्यों ने ढेर सारे सांपों को निकलते देखा तो डर गए और उनके बीच अफरा तफरी मच गई. घर के मुखिया रामनाथ साहू ने एक साथ इतने सांप निकलने की सूचना बस्तीवालों सहित स्नेक रेस्क्यू टीम को दी. दर्जन भर से ज्यादा सांपों का एक ही घर से निकलने की सूचना पर आसपास के लोग भी बड़ी संख्या में सांपों को देखने पहुंच गए. कुछ समय बाद रेस्क्यू टीम के प्रमुख जितेंद्र सारथी अपनी टीम के साथ शांतिनगर स्थित रामनाथ साहू के घर पहुंचे और एक-एक कर 26 सांपों को पकड़कर डिब्बे में रख लिया. सुरक्षित रेस्क्यू के बाद परिवार के सदस्यों को राहत मिली. परिवार के सदस्यों का कहना है कि जब तक रेस्क्यू टीम नहीं आ गयी तब तक हम सभी लोग घर से बाहर निकल आए थे.
घर में और भी सांप होने की संभावना
वन विभाग की टीम का कहना है कि रामनाथ साहू के घर में और भी सांप निकल सकते है. फिलहाल जिन 26 सांपों को पकड़ा गया है उन्हें सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया. लेकिन सांप इतने ज्यादा थे कि हम गिन ही नहीं पा रहे थे. हमने 26 सांपों तक गिना है. यहां और भी सांप हो सकते हैं, सांप हर कोने से निकल रहे थे कुछ को हम पकड़ ही नहीं पाए हैं. अगर फिर से सांप निकलते हैं तो हम फिर आकर उनको पकड़ लेंगे.
शर्मीले स्वभाव के थे रेस्क्यू किए गए सांप
वन विभाग की टीम ने बताया कि जो सांप पकड़े गए हैं, उनमें ज्यादातर किलबैक प्रजाति के सांप थे, जिन्हें हिंदी में बमनिन्ह या पिटपिटिया भी कहते हैं. हालांकि यह सांप जहरीले नहीं होते है. आम तौर पर यह सांप छोटे आकार के होते हैं. इन्हें अलग-अलग प्रदेशों में अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है. मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों में इसे सतबहनी भी कहा जाता है. आम तौर पर यह सांप काटते नहीं हैं. इनके काटने से कोई खतरा भी नहीं होता. क्योंकि ये जहरीले सांप नहीं होते. लेकिन इसकी बनावट और घर के आस-पास जल्दी पहुंच जाने की आदत के चलते लोग इन्हें देखकर डर जरूर जाते हैं. यह सांप बहुत ही शांत और शर्मीले स्वभाव के होते हैं.
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