कांग्रेस (congress) ने इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) में महापौर (Mayor) पद के लिए कांग्रेस विधायक के नाम की घोषणा कर दी है. ऐसे में अब सबकी नजरें अब बीजेपी पर टिकी हैं.
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इंदौरः मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भले ही अब तक नगर निगम चुनाव की तारीखों की घोषणा न हुई हो लेकिन राजनीतिक दलों की तैयारियां शुरू हो गई हैं. कांग्रेस की तरफ से नगरीय निकाय चुनाव के लिए इंदौर की प्रभारी बनाई गई कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ (Vijayalakshmi Sadho) ने बड़ी घोषणा की. उन्होंने कहा कि इंदौर में महापौर पद के लिए कांग्रेस की तरफ से विधायक संजय शुक्ला (mla sanjay shukla) प्रत्याशी होंगे.
संजय शुक्ला होंगे महापौर प्रत्याशीः विजय लक्ष्मी साधौ
विजय लक्ष्मी साधौ ने मंच से कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला के महापौर प्रत्याशी होने की घोषणा कर दी. संजय शुक्ला इस वक्त इंदौर-1 विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक हैं. नगरीय निकाय चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया में इंदौर नगर निगम में इस बार मेयर पद अनारक्षित घोषित किया गया है, यानि इंदौर में मेयर पद सामान्य हो गया. जिसके बाद कांग्रेस विधायक विधायक संजय शुक्ला ने मेयर पद के लिए दावेदारी पेश कर दी थी. विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा कि संजय शुक्ला यानि मेरे भाई इंदौर से मेयर पद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी होंगे, अब तक उनका नाम अघोषित था. लेकिन आज में उनके नाम की औपचारिक घोषणा करती हूं. इंदौर की जनता इस बार उन्हें शहर का महापौर बनाएगी.
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बताया जा रहा है कि इंदौर में मेयर पद के लिए संजय शुक्ला के नाम पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) और दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने भी सहमति दे दी थी. खास बात यह है कि संजय शुक्ला कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों के करीबी माने जाते हैं जिसके चलते उनके नाम पर सहमति बन गई. यही वजह है कि विजय लक्ष्मी साधौ ने मेयर पद के लिए उनके नाम की घोषणा कर दी. इसके अलावा पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, सज्जन सिंह वर्मा ने भी संजय शुक्ला के नाम पर सहमति जताई है.
कौन हैं संजय शुक्ला
संजय शुक्ला 2018 के विधानसभा चुनाव में इंदौर-1 की विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने हैं. उन्होंने बीजेपी नेता सुदर्शन गुप्ता को चुनाव हराया था. संजय शुक्ला की इंदौर शहर में अच्छी पकड़ मानी जाती है. जबकि पार्टी के सभी नेताओं से भी उनका अच्छा समनव्यय है. यही वजह है कांग्रेस ने चुनाव से पहले ही उनके नाम का ऐलान महापौर पद के लिए कर दिया.
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MP का सबसे बड़ा नगर-निगम है इंदौर
इंदौर नगर निगम की गिनती प्रदेश के सबसे बड़े नगर निगम में होती है. जिसमें 85 वार्ड शामिल है. इंदौर की मेयर मालिनी गौड़ ने आखिरी बार इंदौर नगर निगम का 4824 करोड़ 73 लाख 67 हजार रुपए का बजट पेश किया था. जिसमें अकेले साफ-सफाई के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट रखा गया था. जो अब तक का इंदौर नगर निगम का सबसे बड़ा बजट था.
20 सालों से मेयर पद पर है बीजेपी का कब्जा
इंदौर नगर निगम बीजेपी का गढ़ माना जाता है. 1995 में इंदौर नगर-निगम बना था तब यहां कांग्रेस के मधुकर वर्मा ने जीत दर्ज की थी. लेकिन पिछले 20 सालों से इंदौर नगर निगम में बीजेपी का कब्जा है. साल 2000 में बीजेपी से कैलाश विजयवर्गीय मेयर बने थे, फिलहाल मालिनी गौड़ यहां से बीजेपी की मेयर हैं.
बीजेपी से विधायक रमेश मेंदोला का नाम सबसे ऊपर
कांग्रेस ने तो विधायक संजय शुक्ला के नाम की घोषणा कर दी है. खास बात यह है कि बीजेपी भी अब तक इंदौर नगर निगम में मेयर पद के लिए विधायक पर ही दांव लगाती नजर आई है. ऐसे में बीजेपी की तरफ से तीन बार के विधायक रमेश मेंदोला का नाम इस बार मेयर पद की रेस में सबसे आगे नजर आ रहा है. कैलाश विजयवर्गीय के करीबी मेंदोला इंदौर में बीजेपी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं.
क्या इस बार भी कोई विधायक ही बनेगा इंदौर का मेयर
कैलाश विजयवर्गीय हों या मालिनी गौड़ दोनों ही विधायक रहते हुए इंदौर के मेयर बने थे, फिलहाल वर्तमान मेयर मालिनी गौड़ इंदौर-4 विधानसभा सीट से विधायक हैं. कांग्रेस के बाद अगर बीजेपी भी मेयर पद के लिए के किसी विधायक के नाम की घोषणा करती है, ऐसे में इस बार भी पूरी संभावना बन रही है कि अगर संजय शुक्ला और रमेश मेंदोला मेयर का चुनाव लड़ते है तो फिर से इंदौर का मेयर कोई विधायक ही बनेगा.
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