नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी कर रहे कांग्रेसियों को अचानक क्यों आई सिंधिया की याद?
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नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी कर रहे कांग्रेसियों को अचानक क्यों आई सिंधिया की याद?

 ग्वालियर में ही चुनाव होने हैं. कांग्रेस पार्टी ने अपने स्थानीय नेतृत्व से मेयर पद के लिए ’’एक नाम’’ मांगा है.

फाइल फोटो

ग्वालियरः मध्य प्रदेश में जल्द ही नगरीय निकाय के चुनाव होने वाले हैं. अभी नगरीय चुनाव की तारीखों का एलान भले नहीं हुआ है, लेकिन कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां पूरी ताकत से मैदान में उतरने की तैयारी कर रही हैं. प्रदेश के 16 नगर निगमों में होने वाले मेयर चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया आखिरी दौर में है. ग्वालियर में ही चुनाव होने हैं. कांग्रेस पार्टी ने अपने स्थानीय नेतृत्व से मेयर पद के लिए ’’एक नाम’’ मांगा है.

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कांग्रेस ग्वालियर यूनिट से मांगा सिर्फ एक नाम
कांग्रेस ने निकाय चुनावों के लिए संभागीय स्तर पर नई रणनीति तैयार की है. हालांकि यह रणनीति पार्टी के स्थानीय नेताओं के लिए मुसीबत बन गई है. दरअसल संगठन द्वारा नियुक्त निकाय प्रभारियों ने स्थानीय नेताओं से पार्षद और महापौर पद के लिए सिंगल नाम मांगा है. ऐसे में किसका नाम दें या न दें, यह मुसीबत स्थानीय नेताओं के सामने खड़ी हो गई है. 

कांग्रेसियों ने सिंधिया पर किया कटाक्ष
हालांकि कांग्रेसी नई रणनीति को गुटबाजी खत्म करने वाली बता रहे हैं. वहीं बीजेपी सासंद व स्थानीय नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कटाक्ष करते हुए कह रहे हैं कि पहले हमसे राय नहीं ली जाती थी. एक ही व्यक्ति प्रत्याशियों के नाम तय करता था. जाहिर सी बात है कि सिंधिया का कांग्रेस में कद बहुत बड़ा था. ग्वालियर में उनकी सहमति के बिना टिकट का वितरण संभव नहीं होता था. अब प्रत्याशी चयन में कार्यकताओं की राय ली जा रही है तो उन्हें इस बात की खुशी है. 

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भाजपा ने बताया कार्यकर्ताओं की कमी
वहीं कांग्रेस की इस रणनीति पर भाजपा तंज कसते हुए कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की कमी बता रही है. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस के अधिकांश नेता और कार्यकर्ता भाजपा में आ गए हैं. इसलिए इनके पास चुनाव में उतारने के लिए नेता ही नहीं बचे हैं. यही वजह है कि सिंगल नाम मांगा जा रहा है.

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