ग्वालियर पहुंचे नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने यह कृषि कानून किसानों के हित के लिए बनाए हैं. इसलिए इन कानूनों के वापस नहीं किया जाएगा.
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ग्वालियरः देश में एक बार फिर कृषि कानूनों (agricultural laws) पर आंदोलन तेज होता नजर आ रहा है. इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने बड़ा बयान दिया है. उनका साफ किया है कि किसी भी कीमत पर कृषि कानून वापस नहीं होगा. लेकिन किसान अगर बातचीत करना चाहते हैं तो बातचीत के सभी रास्ते खुले है.
कृषि कानून वापस नहीं होगे
ग्वालियर पहुंचे नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ''सरकार ने यह कृषि कानून किसानों के हित के लिए बनाए हैं. इसलिए इन कानूनों के वापस नहीं किया जाएगा. किसान कोई बातचीत करना चाहते हैं, तो सरकार किसी भी वक्त बात करने के लिए तैयार है. लेकिन कानून वापस करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है, कृषि मंत्री ( Agriculture Minister) ने कहा कि 30 साल की कृषि वैज्ञानिकों (agricultural scientists) की मेहनत का प्रतिफल कृषि कानून है. देश के अधिकांश किसान यूनियन (farmers union) कृषि कानून के समर्थन में हैं, विरोध कर रहे किसान यूनियन के लोगों से भी बातचीत करने के लिए सरकार ने भरपूर कोशिश की है, 11 दौर की बातचीत हो गई. लेकिन उनके समझ में यह कानून नहीं आ रहा है, तो सरकार की इसमें कोई गलती नहीं है.''
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि किसानों से बातचीत का काम बंद हो गया है, अभी भी किसानों से बातचीत के सभी रास्ते खुले हैं. कोई भी किसान संगठन कभी भी कृषि कानूनों पर बातचीत कर सकता है. तोमर ने कहा कि यह कानून किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने वाले हैं, क्योंकि इन्हें बनाने में किसानों की बहुत मेहनत लगी है. इसलिए जो भी किसान संगठन इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह सब उनके हित में किया गया है.
आंदोलन खत्म करने की अपील कर चुके हैं कृषि मंत्री
बता दें कि इससे पहले भी कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों से आंदोलन खत्म करने की अपील कर चुके हैं. पिछले दिनों नरेंद्र सिंह तोमर ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपील की थी कि किसानों को आंदोलन खत्म करना चाहिए, सरकार उनसे हर प्रकार की बातचीत करने के लिए तैयार है. तोमर ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए यह कानून बनाए गए हैं. केंद्र सरकार एमएसपी (MSP) को बढ़ाने का काम कर रही है. जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और किसानों को फायदा होगा.
सरकार का समर्थन कर रहे हैं किसान
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि कुछ एक संगठनों को छोड़कर देश के सभी किसान कृषि कानूनों का समर्थन कर रहे हैं. इसके बाद अगर कुछ संगठनों को कानूनों के किसी प्रावधान पर आपत्ति है तो सरकार उसका निराकरण करने की बात कह चुकी है. लेकिन सभी मसले बातचीत से ही हल किए जाएंगे.
लंबे समय से चल रहा किसान आंदोलन
बता दें कि नए कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन लंबे समय से चल रहा है. किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है. लेकिन अभी तक आंदोलन खत्म नहीं हुआ है. जबकि कोविड की दूसरी लहर खत्म होने के बाद अब किसान आंदोलन एक बार फिर तेज होता नजर आ रहा है.
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