कोरोना की मार: फूलों की खेती में किसानों को चुभा कांटा! लॉकडाउन के चलते 2 साल से हो रहा जबरदस्त घाटा
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कोरोना की मार: फूलों की खेती में किसानों को चुभा कांटा! लॉकडाउन के चलते 2 साल से हो रहा जबरदस्त घाटा

हालात अब यह है कि फूल की खेती ही  अब किसान हटाकर खेत खाली कर रहे है. किसान अन्य फसल की तैयारी कर रहा है क्योंकि गुलाब, नवरंगा, मोगरा मुनाफे की खेती में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.

किसानों के सामने आया संकट

रतलाम: लॉकडाउन में फूलों की महक खेतो में ही रह गयी है. सुंदर गुलाब खेतो में ही मुरझा गये है. नावरंगा फुल न मंदिरों में अर्पित हो सका न शव यात्रा में शामिल हो सका. किसानों को 2 साल से गुलाब की खेती में कांटे ही हाथ लगे है.

रतलाम फूलों की ज़्यादा डिमांड
रतलाम का फूल क्वालिटी को लेकर मध्यप्रदेश में जाना जाता है. न सिर्फ मध्यप्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में रतलाम का फूल जाता है बल्कि खास तौर पर गुजरात में रतलाम के फूलों की खासी डिमांड रहती है.

खेत खाली कर रहे किसान
लेकिन 2 साल से फूलों के सीजन में ही लॉकडाउन लगने से फूलों की खेती में बड़ा नुकसान किसानों को उठाना पड़ा है. हालात अब यह है कि फूल की खेती ही  अब किसान हटाकर खेत खाली कर रहे है. किसान अन्य फसल की तैयारी कर रहा है क्योंकि गुलाब, नवरंगा, मोगरा मुनाफे की खेती में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. जिसकी मुख्य वजह लॉक डाउन की वजह से बंद रही मंडियां.

नावरंगा की खेती ज्यादा प्रभावित
शादी के सीजन में जब फूलों की बड़ी मांग होती है उस समय 2 साल से लॉकडाउन रहा. वही नवरात्रि में भी फूल मंदिरों तक नहीं पहुंचा. गेंदे के फूल का सीजन दीवाली के आसपास होता है इसलिए उसमें ज्यादा नुकसान नहीं है लेकिन इसी तरह दिखने वाला नावरंगा 12 महीने बिकता है. जो मंदिरों में और अन्य आयोजन में काम आता है. इसलिए नावरंगा की खेती भी ज्यादा प्रभावित हुई है.

गुलाब की खेती में मुनाफ़ा
गुलाब के फूल में किसानों की कड़ी मेहनत होती है और इसी कारण सीजन में इसका मुनाफा मिलता है. दरअसल गुलाब का खेत 1 बार लगाने के बाद 4 साल तक फुल देता है. लेकिन इसमें फूलों की तुड़वाई रोज करना पड़ती है जिसके लिए मजदूर रोज लगवाने पड़ते है. इसके अलावा फूलों की देख-रेख 8 दिन में करना पड़ती है जिसके कारण खर्चा भी होता है.

दूसरी खेती करेंगे
गांव करमदी में किसान जितेंद्र पाटीदार ने बताया कि 2 साल से फूलों की खेती में सीजन के वक्त नुकसान हो रहा है. 70 हजार प्रतिमाह मुनाफा देने वाला गुलाब 2 साल से सीजन के वक्त लॉकडाउन के कारण नहीं बिका है. अब हमने गुलाब के फूल का एक खेत हॉक दिया है अब दूसरी खेती करेंगे.

किसानों के सामने आया संकट
किसान शैलेन्द्र ने बताया की अब की बार हमने पूरा खेत गुलाब का हटा दिया है. कुछ रखा है जिससे गुलाब की खेती में रखा खर्च कुछ निकल जाए. लेकिन बाकी खेत में अब फूल की जगह दूसरी खेती करेंगे.

नवरंगा और मोगरा के फूल की खेती करने वाले किसान सुनील माली ने बताया कि इस बार भी फूलों की खेती में बड़ा नुकसान हुआ है. नवरंगा और मोगरा शादी के सीजन में सजावट और वरमाला में काम आता है लेकिन इस बार सीजन में लॉकडाउन के कारण शादियां  नहीं होने से डिमांड नहीं आई और फूल मंडी भी बंद थी ऐसे में सारे फूल खेतो में ही सूख गए है.

नवरंगा फूल की खेती करने वाले किसान जगदीश ने बताया कि करीब डेढ़ किंवटल नावरंगा फूल में नुकसान हुआ है. 1500 रुपये रोज का नुकसान नवरंगा में हुआ है.

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