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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पालतू कुत्ते-बिल्लियों के लिए श्मशान बनेगा. यह फैसला दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC) ने लिया है. इस श्मशान में लोग अपने पेट्स का अंतिम संस्कार कर सकेंगे. उनकी अस्थियों को 15 दिनों तक सुरक्षित रखा जाएगा. एसडीएमसी का कहना है कि लोग को अपने पेट्स के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं. यह श्मशान घाट उनकी भावनाओं को सम्मान देने के लिए बनाया जा रहा है. इस श्मशान का निर्माण 700 वर्ग मीटर क्षेत्र में द्वारका में होगा. एसडीएमसी इस प्रोजेक्ट को जल्द ही अंतिम मंजूरी देने के बाद टेंडर निकालेगी. सरकारी और निजी क्षेत्र के सहयोग से यानी पीपीपी मॉडल से यह श्मशान तैयार होगा.
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दक्षिण दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा, ''जब किसी पालतू जानवर की मौत होती है तो इसका दुःख परिवार के किसी सदस्य को खोने के समान ही होता है. हम चाहते हैं कि ऐसे जानवरों का भी अंतिम संस्कार गरिमापूर्ण तरीके से हो सके. इसलिए, हमने इसके लिए प्रावधान बनाने को कहा है.'' इस श्मशान में एक पुजारी होगा, जो किसी मृत पालतू जानवर का अंतिम संस्कार पारंपरिक तरीके से कराएगा. पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी ने कहा कि लोग अपने पेट्स की अस्थियां नदियों में विसर्जित करना चाहते हैं, इसलिए इस भावना को भी ध्यान में रखा जाएगा. श्मशान में दाह संस्कार के बाद 15 दिन अस्थियों को रखने का प्रावधान होगा.
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इस साल अक्टूबर में दक्षिण दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति ने शहर में इस तरह की पहली इकाई में पालतू और आवारा कुत्तों के अंतिम संस्कार के लिए किए जाने वाले भुगतान की राशि तय की थी. इसमें तय हुआ था कि लोगों को 30 किलोग्राम तक के पालतू जानवरों के दाह संस्कार के लिए 2000 रुपए और 30 किलोग्राम से अधिक के पेट्स के लिए 3,000 रुपए भुगतान करने होंगे. हालांकि, एसडीएमसी के मुताबिक इस श्मशान में आवारा कुत्तों का अंतिम संस्कार मुफ्त में किया जा सकेगा. भले ही इसका निर्माण दक्षिण दिल्ली नगर निगम की ओर से कराया जा रहा हो, लेकिन दिल्ली में रहने वाले सभी लोग यहां अपने पालतू जानवरों का अंतिम संस्कार करा सकेंगे.
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