पति को बचाने के लिए ताकतवर तानाशाह से भी भिड़ गई ये महिला, घुटने टेकने को किया मजबूर
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh795844

पति को बचाने के लिए ताकतवर तानाशाह से भी भिड़ गई ये महिला, घुटने टेकने को किया मजबूर

नई दिल्लीः कई बार बड़े बदलावों के लिए एक व्यक्ति ही काफी होता है. ऐसा ही कुछ पश्चिमी यूरोप के देश बेलारूस में देखने को मिल रहा है. जहां की सत्ता पर बीते 26 साल से काबिज एलेक्जेंडर लुकाशेंको (Alexander Lukashenko) को एक महिला ने घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है.

स्वेतलाना तिखानोव्स्काया. (इमेज सोर्स -ट्विटर)

नई दिल्लीः कई बार बड़े बदलावों के लिए एक व्यक्ति ही काफी होता है. ऐसा ही कुछ पश्चिमी यूरोप के देश बेलारूस में देखने को मिल रहा है. जहां की सत्ता पर बीते 26 साल से काबिज एलेक्जेंडर लुकाशेंको (Alexander Lukashenko) को एक महिला ने घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है. ये महिला है स्वेतलाना तिखानोव्स्काया (Svetlana Tikhanovskaya). दो बच्चों की मां स्वेतलाना दुर्घटनावश राजनीति में आयी थीं. लेकिन आज वह बेलारूस के लोगों की बड़ी उम्मीद बन गई हैं.

पति को बचाने के लिए राजनीति में उतरी
स्वेतलाना तिखानोव्स्काया (Svetlana Tikhanovskaya) एक आम महिला थीं, जिनके लिए उनका परिवार ही सबकुछ था और राजनीति से उनका दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं था. स्वेतलाना के पति सर्गेई तिखानोव्स्काया बेलारूस (Belarus) के मशहूर यूट्यूबर हैं, जिन्होंने पूरे देश में घूम-घूमकर लोगों की परेशानियों पर वीडियो बनाए और बेलारूस की सरकार को निशाने पर लिया. 

इसका असर ये हुआ कि सर्गेई की लोकप्रियता काफी बढ़ गई. जिसके बाद बेलारूस की सरकार ने उन्हें जेल में डाल दिया. चूंकि बेलारूस में एलेक्जेंडर लुकाशेंको (Alexander Lukashenko) का तानाशाही शासन है. यही वजह है कि जब पति को जेल से छुड़ाने की सारी कोशिशें नाकाम हुईं तो स्वेतलाना ने राजनीति में उतरकर चुनाव लड़ने का फैसला किया और विपक्ष में शामिल हो गई.

ब्रिटेन की महारानी से भी अमीर हैं वहां के वित्त मंत्री की पत्नी Akshata Murthy, ये रही वजह

26 साल से सत्ता पर जमे हैं Alexander Lukashenko
सोवियत संघ से टूटकर बेलारूस बना था. साल 1994 से बेलारूस में राष्ट्रपति शासन व्यवस्था लागू हुई और तभी से ही एलेक्जेंडर लुकाशेंको बेलारूस के राष्ट्रपति पद पर काबिज हैं. बेलारूस में कई बार चुनाव हो चुके हैं लेकिन हर बार लुकाशेंको की जीत हुई है. 

हालांकि लुकाशेंको का विरोध बेलारूस में बढ़ता ही जा रहा है. यही वजह है कि इस साल अगस्त में जब फिर से बेलारूस में चुनाव हुए. इन चुनाव में भी हर बार की तरह लुकाशेंको की एकतरफा जीत हुई. हालांकि स्वेतलाना और अन्य विपक्षी नेता चुनाव में धांधली का आरोप लगा रहे हैं. 

यही वजह है कि चुनाव नतीजों के बाद से ही बेलारूस की राजधानी मिंस्क में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और कई बार पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हो चुकी हैं. स्वेतलाना दुनियाभर के देशों से अपील कर एलेक्जेंडर लुकाशेंको को सत्ता से हटाने की कोशिश में जुटी हैं. फिलहाल वह बेलारूस छोड़कर लिथुआनिया में निर्वासित जीवन जी रही हैं. 

संगीतकार वाजिद खान की पत्नी का खुलासा- धर्मांतरण के लिए बनाया गया दबाव, लव जिहाद कानून पर कही ये बात

एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने दिए सत्ता छोड़ने के संदेश
बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको को यूरोप का आखिरी तानाशाह (Europe Last Dictator) कहा जाता है. लेकिन अब बढ़ते विरोध और दुनियाभर से पड़ रहे दबाव के चलते लुकाशेंको ने सत्ता छोड़ने के संदेश दिए हैं. बेलारूस में बीते कई माह से विरोध प्रदर्शन जारी हैं, जिनमें कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. हाल ही में लुकाशेंको ने सत्ता छोड़ने के संदेश दिए हैं. हालांकि अभी तक उन्होंने इसके लिए कोई समय निर्धारित नहीं किया है. 

WATCH LIVE TV

 

Trending news