मध्य प्रदेश के एक शहर में उत्तर प्रदेश की एक महिला ने बेटी को जन्म दिया. जिसके बाद महिला ने अपनी बेटी को अनोखा नाम दिया.
Trending Photos
बैतूलः कोरोनाकॉल में लगे लॉकडाउन के दौरान जन्म लेने वाले कई बच्चों का नाम उनके परिजनों ने लॉकडाउन ही रख दिया. लेकिन मध्य प्रदेश के बैतूल जिले से एक बेहद दिलचस्प मामला सामने आया है. जहां यूपी की एक महिला ने बैतूल में एक बेटी को जन्म दिया तो उसने बेटी का नाम ही बैतूल रख दिया. खास बात यह है कि महिला अपनी बेटी का नाम बैतूल रखकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही है.
आगरा से पेपर देने बैतूल आई थी महिला
दरअसल, उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के लखनपुर में रहने वाली महिला कुसमा ने मध्य प्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल के तहत नर्सिंग की परीक्षा का फॉर्म भरा था. बैतूल के राजा भोज कॉलेज ऑफ नर्सिंग में महिला का परीक्षा केंद्र आया था. जिस दौरान कुसमा ने नर्सिंग का फार्म भरा था उस वक्त वह प्रेग्नेंट थी, डॉक्टर ने उसकी डिलिवरी का टाइम 4 मार्च का दिया था. इस बीच 17 से 24 फरवरी के बीच उसके पेपर बैतूल में होने थे. ऐसे में कुसमा अपनी बहन कविता को लेकर परीक्षा देने बैतूल पहुंची.
18 फरवरी को दिया बेटी को जन्म
कुसमा ने 17 फरवरी को अपना पहला पेपर दिया, लेकिन 18 फरवरी को उसे लेबर पेन होना शुरू हो गया, जिसके बाद उसे बैतूल के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसने एक बेटी को जन्म दिया. प्री टर्म डिलीवरी के कारण उसकी बालिका को कम वजन होने के कारण जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती कराया गया है और बच्ची की देखरेख शुरू हो गई.
ये भी पढ़ेंः मछुआरे के जाल में फंसी शार्क, पेट फाड़ा तो निकला इंसान की शक्ल का बच्चा, लोग कर रहे पूजा
बेटी का नाम रखा ''बैतूल"
बैतूल में अपनी बेटी का जन्म होने के चलते कुसमा ने उसका नाम बैतूल ही रख दिया. कुसमा के मुताबिक उसने बेटी का नाम बैतूल इसलिए रखा है कि जब वह बड़ी होगी तो उसे उसके जन्म का यह दिलचस्प किस्सा सुनाया जा सके. कुसमा ने बताया कि वह अपनी बेटी को बताएगी कि किस हालातों में उसका जन्म हुआ है और किस तरह लोगों ने उसकी मदद की. कुसमा की बहन कविता ने बताया कि बेटी के जन्म से कुसमा बहुत खुश है, जबकि वह इस बात पर बेहद गर्व महसूस कर रही है कि उसकी बेटी का जन्म बैतूल में हुआ है. यही नहीं डिलिवरी के बाद कुसमा ने जिस तरह से हौसला दिखाते हुए पूरी परीक्षा दी वह हिम्मत वाला काम है.
ये भी पढ़ेंः रातोंरात मालामाल हुआ मजदूर, जमीन ने उगला ऐसा बेशकीमती हीरा लाखों में है जिसकी कीमत
बेटी के जन्म के बाद कुसमा ने दिखाया साहस
खास बात यह है कि कुसमा ने 18 फरवरी को दिन में 2 बजकर 55 मिनट पर बेटी को जन्म दिया था. लेकिन उसने अपने करियर से भी समझौता नहीं किया. कुसमा ने बेटी को अस्पताल में भर्ती किया और 19 तारीख को अपना दूसरा पेपर देने परीक्षा केंद्र पहुंच गई. यहां तक कि उसने 20 तारीख को भी तीसरा पेपर दिया और 24 तारीख को होने वाले प्रैक्टिकल में भी शामिल हुई.
डॉक्टरों ने बेटी की अच्छे से की देखरेखः कुसमा
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अशोक वारंगा ने बताया कि जितने समय कुसमा परीक्षा देने गई उसकी बालिका की जिला अस्पताल के एसएनसीयू में अच्छी तरह से देखरेख की गई. यही वजह है कि कुसमा को बैतूल बहुत पसंद आया और उसने स्मृति स्वरूप अपनी बच्ची का नाम बैतूल रख दिया. उन्होंने कहा कि यह सभी बैतूल वासियों के लिए भी गर्व की बात है.
ये भी देखेंः Viral Video: आइंस्टाइन चाचा के बाद देखिए 'झोंटा उखाड़ चाची' की फाइट
WATCH LIVE TV