अयोध्या की तर्ज पर कर्नाटक के किष्किंधा में दुनिया की सबसे ऊंची हनुमान प्रतिमा, जानें खासियतें
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अयोध्या की तर्ज पर कर्नाटक के किष्किंधा में दुनिया की सबसे ऊंची हनुमान प्रतिमा, जानें खासियतें

स्वामी गोविंद आनंद सरस्वती का कहना है कि अयोध्या और किष्किंधा साम्राज्य की परंपरा 17 लाख वर्ष पुरानी है. उस परंपरा को जिंदा रखने के लिए एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, तो दूसरी ओर कर्नाटक के किष्किंधा में हनुमान जी के भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. 

अयोध्या की तर्ज पर कर्नाटक के किष्किंधा में दुनिया की सबसे ऊंची हनुमान प्रतिमा, जानें खासियतें

मनमीत गुप्ता/अयोध्या: अयोध्या में  प्रभु राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरह ही कर्नाटक में श्री हनुमत जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया है. यह ट्रस्ट हनुमान जी की जन्म स्थली किष्किंधा के पंपापुर में बजरंगबली की 215 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित करने जा रहा है. अयोध्या में भगवान श्री राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा से हनुमान जी की प्रतिमा छोटी होगी. ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी गोविंद आनंद सरस्वती ने बताया कि 1200 करोड़ की लागत से अंजना गिरी पर्वत में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की जाएगी, यहां एक भव्य मंदिर का भी निर्माण किया जाएगा.

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पूरे देश से लिया जाएगा दान, 12 वर्ष लंबी यात्रा निकाली जाएगी
स्वामी गोविंद आनंद सरस्वती का कहना है कि अयोध्या और किष्किंधा साम्राज्य की परंपरा 17 लाख वर्ष पुरानी है. उस परंपरा को जिंदा रखने के लिए एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, तो दूसरी ओर कर्नाटक के किष्किंधा में हनुमान जी के भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. हनुमान जी के मंदिर की स्थापना के लिए वह पूरे देश में एक यात्रा निकालेंगे. इस यात्रा की अवधि 12 वर्ष की होगी. यात्रा के दौरान दान स्वरूप धन इकट्ठा करते हुए किष्किंधा साम्राज्य में हनुमान प्रतिमा और मंदिर की स्थापना होगी. इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.

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हनुमान जी की मूर्ति के हृदय में विराजेंगे प्रभु राम और मां सीता
उनका कहना है कि त्रेतायुग में भगवान राम किष्किंधा गए थे. उसी परंपरा को जीवित रखने के लिए किष्किंधा में 215 मीटर ऊंची हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की जा रही है. मंदिर का निर्माण दक्षिण भारतीय शैली में करीब 20 एकड़ भूमि में होगा. हनुमान जी की 215 मीटर ऊंची मूर्ति कॉपर प्लेट से बनेगी, मूर्ति के हृदय में भगवान राम और सीता विराजमान होंगे. हनुमान जी के हृदय में स्थित प्रभु राम और मां सीता के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को लिफ्ट से जाना होगा. मूर्ति के दाहिनी और बाईं ओर दो अलग-अलग लिफ्ट लगाई जाएंगी. मंदिर और मूर्ति 12 वर्षों में बनकर तैयार होंगे. 

रामलला को 2 करोड़ का रथ भेंट करेगा श्री हनुमत तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट
इसके अलावा श्री हनुमत जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 2 करोड़ की लागत से बना एक रथ श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दान करेगा. ट्रस्ट की इच्छा है कि जैसे पुरी में हर वर्ष भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है, उसी तरह अयोध्या में भी हर वर्ष भगवान राम की रथ यात्रा निकाली जाए. यह यात्रा उसी रथ में निकले जिसे कर्नाटक के हनुमान जी की तरफ से रामलला को भेंट किया जाएगा. 

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