बाबा महाकाल मंदिर में धूमधाम से ऐसे मना नववर्ष, कोरोना के चलते लगी थी कई पाबंदियां
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बाबा महाकाल मंदिर में धूमधाम से ऐसे मना नववर्ष, कोरोना के चलते लगी थी कई पाबंदियां

इस बार कोरोना के चलते पहली बार भक्तों को भस्म आरती में प्रवेश से वंचित रखा गया. आरती के ठीक बाद भक्तों के लिए बाबा के द्वार कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए खोले गए.

महाकाल मंदिर की भस्म आरती का दृश्य.

भोपालः उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के मंदिर परिसर में नव वर्ष बड़ी धूम धाम के साथ मनाया गया. हर रोज की तरह सुबह 4 बजे से भस्म आरती की प्रकिया प्रारम्भ हुई. इसके बाद विधि पूर्वक तैयारी पूर्ण कर बाबा को भस्म रमाई गई, भस्मीभूत होने के बाद झांझ मंजीरे, ढोल नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की आरती की गई.

इस बार कोरोना के चलते पहली बार भक्तों को भस्म आरती में प्रवेश से वंचित रखा गया. आरती के ठीक बाद भक्तों के लिए बाबा के द्वार कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए खोले गए. भक्तों ने साल 2020 में आई विपदाओं का विनाश करने व 2021 में जन जीवन सुचारू रूप से चलाने की कामनाएं की.

विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल को सुबह 4 बजे हरी ॐ जल (ठंड के चलते गर्म जल) से स्नान करवाया गया. बाबा का पंचामृत से अभिषेक हुआ. जिसमें दूध, दही, घी, शकर, शहद से बाबा को दोबारा स्नान करवाया गया उसके बाद बाबा को चंदन का लेप लगाकर सुगंधित द्रव्य चढ़ाए गए. इसके बाद भांग से बाबा का श्रृंगार किया गया, यह पूरी प्रक्रिया पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच हुई. बाबा को तैयार कर भस्म आरती की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई. श्वेत वस्त्र ओढ़ाकर बाबा को भस्म रमाई गई भस्मीभूत होने के बाद ढोल, नगाड़े, झांज, मंजीरे की धुन के बीच बाबा की आरती संम्पन हुई कोरोना के चलते भस्मार्ती में इस बार भक्तों के प्रवेश पर विशेष रोक रही.

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हालांकि आरती के बाद 6 बजे से भक्तों के किये कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए द्वार खोले गए. सुबह 6 बजे से ही देश भर के श्रद्धालुओं की लंबी कतार बाबा के दरबार में शीश झुकाने के लिए लगने लगी, किसी ने परिवार की सुख शांति के लिये कामना की तो किसी ने देश मे अमन चैन सुख समृद्धि को लेकर शीश झुकाया. ऐसी मान्यता है कि बाबा महाकाल की एक झलक मात्र से पापों का विनाश हो जाता है.

मंदिर के मुख्य पुजारी बाला गुरु ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि आज प्रातः काल नव वर्ष की मंगल बेला पर समस्त विश्व कल्याण के निमित्त बाबा का पंचामृत अभिषेक किया गया व बाबा को 56 भोग लगाये गए. 2020 में महाविपदा की समाप्ति के लिए व 2021 में समस्त विश्व कल्याण के लिए महापूजन किया गया.

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