महाराष्ट्र के लातूर जिले की दोनों विधानसभा सीट लातूर सिटी और लातूर ग्रामीण से पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख (Vilasrao Deshmukh) के दो बेटे अमित देशमुख (Amit Deshmukh) और धीरज देशमुख (Dhiraj Deshmukh) कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
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Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2924: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और सभी पार्टियां चुनावी प्रचार में जुटी हैं. इस बीच बॉलीवुड एक्टर रितेश देशमुख (Riteish Deshmukh) भी चुनावी मैदान में उतर गए हैं और अपने दोनों भाइयों के लिए प्रचार कर रहे हैं. बता दें कि महाराष्ट्र के लातूर जिले की दोनों विधानसभा सीटों से पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख (Vilasrao Deshmukh) के दो बेटे अमित देशमुख (Amit Deshmukh) और धीरज देशमुख (Dhiraj Deshmukh) कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. रितेश के बड़े भाई अमित लातूर सिटी विधानसभा से चुनावी मैदान में हैं, जबकि छोटे भाई धीरज लातूर ग्रामीण सीट से दूसरी बार चुनावी दंगल में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
दोनों भाइयों के लिए चुनाव प्रचार कर रहे रितेश देशमुख
बॉलीवुड एक्टर रितेश देशमुख (Riteish Deshmukh) अपने दोनों भाइयों के लिए चुनाव प्रचार में जुटे हैं. लातूर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए रितेश देशमुख ने लातूर की जनता का धन्यवाद किया. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा कि जनता का हमारे परिवार पर आपका भरोसा कायम है ये बड़ी बात है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमारे खून में हैं और हम लोग कांग्रेस के अलावा कहीं नहीं जा सकते.
लातूर ग्रामीण सीट से धीरज देशमुख
धीरज देशमुख (Dhiraj Deshmukh) कांग्रेस के टिकट पर दूसरी बार लातूर ग्रामीण सीट से चुनावी दंगल में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. धीरज साल 2019 में पहली बार चुनावी मैदान में कांग्रेस के टिकट पर लातूर ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ा था और शिवसेना (अविभाजित) के सचिन देशमुख को 1.21 लाख वोटों से मात दी थी. सचिन भी धीरज के रिश्तेदार हैं, लेकिन चुनाव में उन्हें नोटा (NOTA) से भी 13976 कम वोट मिले थे.
धीरज के खिलाफ बीजेपी ने रमेश कराड को उतारा
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लातूर ग्रामीण विधानसभा सीट से विलासराव देशमुख के बेटे धीरज देशमुख के खिलाफ रमेश कराड को चुनावी मैदान में उतारा है. रमेश कराड लंबे समय से लातूर ग्रामीण सीट से ताल ठोक रहे हैं, लेकिन लगातार 2 चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. साल 2009 में अस्तित्व में आई लातूर ग्रामीण सीट से रमेश कराड ने पहली बार चुनाव लड़ा था, लेकिन कांग्रेस के वैजनाथ शिंदे के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 2014 के चुनाव में बीजेपी ने फिर रमेश कराड को टिकट दिया, लेकिन कांग्रेस के त्रिम्बक भिसे ने उन्हें फिर हरा दिया. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने ये सीट शिवसेना के लिए छोड़ दी और तब कांग्रेस के टिकट पर धीरज देशमुख ने जीत दर्ज की थी.
धीरज के बड़े भाई अमित देशमुख भी चुनावी मैदान में
धीरज देशमुख (Dhiraj Deshmukh) के बड़े भाई अमित देशमुख (Amit Deshmukh) लातूर सिटी विधानसभा सीट (Latur City Assembly Constituency) से ताल ठोक रहे हैं. अमित देशमुख साल 2009 में पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे और कांग्रेस के टिकट पर लातूर सिटी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी. इसके बाद से अमित लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच चुके हैं और चौथी बार चुनाव लड़ रहे हैं.
कांग्रेस पार्टी का गढ़ रहा है लातूर
लातूर सिटी और लातूर ग्रामीण विधानसभा सीट कांग्रेस की गढ़ मानी जाती है और लातूर सिटी सीट से कांग्रेस को सिर्फ 2 बार, जबकि ग्रामीण सीट से कांग्रेस को सिर्फ 1 बार चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. 1957 लेकर अब तक लातूर सिटी से कांग्रेस को सिर्फ दो बार हार का सामना करना पड़ा है. वहीं, लातूर ग्रामीण सीट पर अब तक 12 बार चुनाव हुए हैं, जिसमें 11 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. लातूर सीट पर देशमुख परिवार का लंबे समय तक कब्जा रहा है और विरासराव देशमुख ने लातूर सीट से 5 बार जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2009 में परिसीमन के बाद लातूर सीट 2 हिस्सों में बंट गई, जिसके बाद लातूर सिटी और लातूर ग्रामीण सीट अस्तित्व में आई. 2009 से लगातार 3 बार अमित देशमुख लातूर सिटी से चुनाव जीत चुके हैं, जबकि 2019 में ग्रामीण सीट से धीरज ने जीत दर्ज की थी.