एक याचिका पर सनुवाई करते हुए कोर्ट ने सवाल किया, आजकल 200 रुपये का महत्व ही क्या है? आप राजस्व का नुकसान उठा रहे हैं. थूकने की यह आदत रोकने की जरूरत है.
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मुंबई: बंबई हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) और स्थानीय निकायों को सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की समस्या पर रोक लगाने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही अधिकारियों से ऐसा करने वालों पर जुर्माना राशि बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.
मुख्य जस्टिस दीपांकर दत्त और जस्टिस जी.एस. कुलकर्णी की बेंच ने थूकने के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने का सुझाव देते हुए कहा, 'मुंबई पुलिस अधिनियम के प्रावधान अधिकारियों को थूकते हुए पकड़े जाने वाले व्यक्ति पर 1200 रुपये का जुर्माना लगाने की अनुमति देते हैं तो अधिकारी महज 200 रुपये ही वसूल रहे हैं. अदालत ने सवाल किया, ‘आजकल 200 रुपये का महत्व ही क्या है? आप राजस्व का नुकसान उठा रहे हैं. थूकने की यह आदत रोकने की जरूरत है.’
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पीठ इस मुद्दे पर वकील अर्मिन वंद्रवाला की याचिका की सुनवाई कर रही थी. पीठ ने कहा कि खासकर महामारी के दौर में (सार्वजनिक स्थानों पर) थूकना बुराई है. प्रशासन ने भारी जुर्माने का प्रावधान किया, लेकिन अब भी वह इतना जुर्माना नहीं वसूलती है. स्थिति गंभीर होते हुए भी 200 रुपये ही जुर्माना लगाया जा रहा है. मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी.
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