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मुंबई: ऑक्सीजन (Oxygen) की बढ़ती किल्लत के बीच महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार ने अस्पतालों में 'ऑक्सीजन नर्स' (Oxygen Nurse) की नियुक्ति का फैसला लिया है. 'ऑक्सीजन नर्स' का काम मरीजों में ऑक्सीजन के इस्तेमाल पर नजर रखना और उसकी बर्बादी रोकना होगा. मौजूदा वक्त में नंदुरबार जिले (Nandurbar District) में यह व्यवस्था की गई है, लेकिन अब सरकार इसे पूरे राज्य में अमल में लाना चाहती है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की स्वास्थ्य सचिव अर्चना पाटिल (Archana Patil) ने कहा कि जल्द ही सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों (Hospitals) में 'ऑक्सीजन नर्स' की नियुक्ति की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस संबंध में सभी अस्पतालों को निर्देश जारी किए गए हैं. पाटिल ने कहा कि ये नर्स हर 2-4 घंटे में देखेंगी कि मरीज को कितनी ऑक्सीजन की जरूरत है. उसी के अनुसार ऑक्सीजन का फ्लो कम या ज्यादा करेंगी.
अर्चना पाटिल के अनुसार, अस्पतालों से 50 मरीजों पर एक 'ऑक्सीजन नर्स' की नियुक्ति को कहा गया है. बता दें कि 'ऑक्सीजन नर्स' का कांसेप्ट पिछले साल मुंबई से 450 किमी दूर नंदुरबार जिले में अमल में लाया गया था, जिसे काफी सराहना मिली थी. अब जब महाराष्ट्र सहित पूरे देश में ऑक्सीजन की भारी कमी है, तो एक बार फिर से इस कांसेप्ट की बातें हो रही हैं.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Rajesh Tope) ने कहा कि ऐसे समय में जब हम ऑक्सीजन के समझदारी से इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं, 'ऑक्सीजन नर्स' काफी मददगार साबित होंगी. ये न केवल ऑक्सीजन का प्रभावी इस्तेमाल सुनिश्चित करेंगी बल्कि उसे बर्बाद होने से भी बचाएंगी. उन्होंने आगे कहा कि जब मरीज वॉशरूम जाता है, खाना खाता है या फोन पर बात करता है, तो वो आमतौर पर अपना मास्क हटा देता है और ऑक्सीजन बर्बाद होती रहती है. इसी तरह से जब मरीज के ऑक्सीजन सैचुरेशन में सुधार होता है, तो ऑक्सीजन फ्लो को कम किया जाना चाहिए. 'ऑक्सीजन नर्स' इन्हीं सब बातों पर ध्यान देंगी.
वहीं, नंदुरबार के सिविल सर्जन डॉक्टर रघुनाथ भोये ने बताया कि 'ऑक्सीजन नर्स' का कांसेप्ट अभी शुरू नहीं हुआ है, पिछले साल जून से ही हम इसे अमल में ला रहे हैं. हालांकि, शुरुआत में नर्सों की कमी की वजह से इसे पूरी तरह अमल में नहीं लाया जा सका था. उन्होंने कहा कि इस साल हमने 15-20 मरीजों पर एक 'ऑक्सीजन नर्स' को नियुक्त किया है. नंदुरबार सिविल हॉस्पिटल में मंगलवार को ऑक्सीजन सपोर्ट वाले 240 मरीज भर्ती थी और इस दौरान 15 नर्सों को विशेष रूप से उनके ऑक्सीजन इन्टेक पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया था.