महाराष्ट्र सरकार ने अपने मंत्री का बयान वापस लेते हुए कहा कि अभी राज्य के गांवों में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. इसलिए फिलहाल सभी 36 जिलों में कोरोना से बचाव के लिए लागू पाबंदियां अगले आदेश तक जारी रहेंगी.
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मुंबई: महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने गुरुवार शाम स्पष्ट किया कि राज्य में कोरोना वायरस (Coronavirus) संबंधी पाबंदी कहीं पर भी खत्म नहीं की गई है. इससे पहले, राज्य के मंत्री विजय वडेट्टीवार (Vijay Wadettiwar) ने पाबंदियों में ढील की घोषणा की थी.
सीएम ऑफिस ने इस संबंध में एक बयान जारी कर कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में पाबंदियों में ढील देने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन इस बारे में अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. आपदा प्रबंधन मंत्री विजय वडेट्टीवार ने अपनी घोषणा के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए बाद में कहा कि पाबंदियों को चरणबद्ध तरीके से हटाने को मंजूरी प्रदान कर दी गई है, लेकिन अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है.
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इससे पहले, मंत्री ने संवाददाताओं से कहा था कि राज्य के 36 में से 18 ऐसे जिलों में अब पाबंदियों में ढील दी जाएगी, जहां संक्रमण की दर पांच प्रतिशत अथवा उससे कम है और अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुविधा वाले 75 प्रतिशत बिस्तर खाली हों. मंत्री ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन का आयोजन कर यह घोषणा की थी. लेकिन CMO ने बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी पर अब तक पूरी तरह से नियंत्रण नहीं पाया जा सका है, इसलिए सरकार ने पाबंदियों में ढील देने का कोई फैसला नहीं लिया है.
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सीएमओ ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग ने संक्रमण की दर और ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की उपलब्धता के आधार पर महामारी की गंभीरता के पांच स्तर तय किए हैं. पाबंदियों में ढील देने का फैसला गंभीरता के स्तर पर लिया जाएगा, जिसकी घोषणा जल्द की जाएगी. आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार भी मौजूद थे. कांग्रेस नेता ने वडेट्टीवार ने कहा कि लॉकडाउन की पाबंदियों में फिलहाल ढील नहीं दी जा रही है, इसको लेकर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री ही करेंगे.