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मुंबई: 100 करोड़ वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की गिरफ्तारी के बाद अब उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) पर एक्शन शुरू हो गया है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT Department) के बेनामी प्रॉपर्टी डिपार्टमेंट ने अजित पवार की कई प्रॉपर्टीज को प्रोविजनली अटैच किया है, जिनकी कीमत करीब 1400 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
आयकर विभाग (IT Department) ने अजित पवार (Ajit Pawar) की जिन संपत्तियों को अटैच किया है, उनमें दक्षिणी दिल्ली स्थित करीब 20 करोड़ रुपये का फ्लैट और निर्मल हाउस स्थित पार्थ पवार ऑफिस शामिल है, जिसकी कीमत करीब 25 करोड़ रुपये है. आयकर विभाग ने इसके अलावा जरंदेश्वर शुगर फैक्ट्री, जिसकी कीमत करीब 600 करोड़ रुपये है और गोवा स्थित रिसॉर्ट, जिसकी कीमत करीबन 250 करोड़ रुपये है को भी अटैच किया है. इसके साथ ही महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में स्थित 27 जमीनें, जिसकी मार्केट वैल्यू करीब 500 करोड़ रुपये बताई जा रही है, उन्हें भी प्रोविजनली अटैच किया गया है.
शरद पवार के भतीजे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार (NCP Leader Ajit Pawar) के पास यह साबित करने के लिए अब 90 दिनों का समय होगा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT Department) द्वारा अटैच की गईं संपत्तियां बेनामी पैसे से नहीं खरीदी गई हैं.
इससे पहले 100 करोड़ रुपये की वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को गिरफ्तार किया था. ईडी (ED) ने अनिल देशमुख को सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया था और करीब 12 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ करने के लिए ईडी ने अनिल देशमुख को गिरफ्तार कर लिया. सूत्रों के मुताबिक अनिल देशमुख ईडी के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए और उन पर जांच में भी सहयोग नहीं करने का आरोप है.
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) आज (2 नवंबर) अनिल देशमुख को PMLA कोर्ट में पेश करेगी और रिमांड में लेने की मांग करेगी. हालांकि अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के वकील ने कहा है कि वो इस गिरफ्तारी का कोर्ट में विरोध करेंगे. बता दें कि अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) ने 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप लगाए थे, लेकिन अब खुद परमबीर सिंह कहां हैं, इसकी जानकारी किसी को नहीं है. बता दें कि ये पूरा मामला मार्च महीने मे तब सामने आया था, जब पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी थी. वसूली के आरोपों से घिरने के बाद अनिल देशमुख ने पांच अप्रैल को गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और 10 मई को ईडी ने उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया.
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