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नई दिल्ली: लोक सभा में बीजेपी (BJP) सदस्यों ने मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह (Parambir Singh) द्वारा राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ लगाये गए आरोपों का मुद्दा जोरशोर से उठाया. बीजेपी ने इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की है.
बीजेपी सांसदों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया, वहीं शिवसेना और कांग्रेस ने केंद्र पर महाराष्ट्र सरकार को गिराने का प्रयास करने का आरोप लगाया है. जीरो ऑवर में इस विषय को उठाते हुए बीजेपी के मनोज कोटक ने कहा कि महाराष्ट्र में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वहां के गृह मंत्री के खिलाफ वसूली संबंधी गंभीर आरोप लगाये हैं और मुख्यमंत्री ने अभी तक इस मामले में एक भी शब्द नहीं बोला. मुंबई से लोक सभा सदस्य कोटक ने दावा किया कि महाराष्ट्र के लोगों में धारणा है कि सरकार का इस्तेमाल व्यापारियों को डराने के लिए हो रहा है तथा इसमें अधिकारियों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
बीजेपी सांसद ने केंद्र सरकार से मांग की कि इस मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए और महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. बीजेपी के राकेश सिंह ने कहा यह पहली घटना होगी जब किसी राज्य के मुख्यमंत्री उस पुलिस अधिकारी के समर्थन में पत्रकार वार्ता करते हैं जिस पर पुलिस आयुक्त ने गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में बेमेल गठबंधन की सरकार है और मुख्यमंत्री इस विषय पर मौन हैं. सिंह ने कहा कि एनसीपी के वरिष्ठ नेता कल तक इस पूरे मामले को गंभीर बता रहे थे और उन्होंने कार्रवाई की बात की थी लेकिन बाद में उन्होंने कह दिया कि गृह मंत्री का इस्तीफा नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘कहीं महाराष्ट्र सरकार को यह डर तो नहीं है कि गृह मंत्री यह खुलासा कर देंगे कि वसूली के पैसे का हिस्सा किस-किस को जाता था.’ उन्होंने मामले में केंद्रीय एजेंसियों से निष्पक्ष जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.
दूसरी तरफ शिवसेना के विनायक राउत ने कहा कि पिछले चौदह महीने में कई प्रयास करने के बाद भी भाजपा महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को गिराने में विफल रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के माध्यम से महाराष्ट्र में सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किये जा रहे हैं. राउत ने कहा कि जिन पुलिस आयुक्त के पत्र की बात हो रही है, उनके खिलाफ भी गंभीर आरोप हैं. कांग्रेस के रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि यह बहुत गंभीर मुद्दा है और केंद्र में विपक्ष में बैठे दलों की राज्य में चल रहीं सरकारों के काम में केंद्रीय एजेंसियों की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में अधिकारी दोषी होते हैं लेकिन वे बच निकलते हैं और संसद, विधान सभाओं में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप होते रहते हैं. बिट्टू ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ‘मध्य प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में सरकार गिराना चाहती है.’
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