जानकारी के मुताबिक बीते 23 मार्च को 40 बैलों को ट्रक में भरकर भोपाल से हैदराबाद ले जाया जा रहा था. सूचना मिलने पर कथित गौरक्षकों ने ट्रक को महाराष्ट्र के हिंगोली में रोक दिया और चालक के साथ ट्रक लेकर सीधे पुलिस थाने पहुंच गए.
Trending Photos
हिंगोली, गजानन कदम: पुलिस थाने में अक्सर पुलिसकर्मी, शिकायतकर्ता या फिर पकड़े गए बदमाश दिखाई देते हैं. लेकिन आजकल महाराष्ट्र का एक पुलिस स्टेशन गाय-बैलों को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है. पिछले 10 दिन से इस पुलिस चौकी का नजारा बदला हुआ है. यहां बैल-ही-बैल नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं पुलिसकर्मी भी अपना काम छोड़कर दिन-रात बैलों की सेवा में लगे हैं. बैलों को चारा खिलाने से लेकर गोबर उठाने तक का काम पुलिस खुद ही कर रहे हैं.
मामला महाराष्ट्र के हिंगोली जिले का है. जानकारी के मुताबिक बीते 23 मार्च को 40 बैलों को ट्रक में भरकर भोपाल से हैदराबाद ले जाया जा रहा था. सूचना मिलने पर कथित गौरक्षकों ने ट्रक को महाराष्ट्र के हिंगोली में रोक दिया और चालक के साथ ट्रक लेकर सीधे पुलिस थाने पहुंच गए. गौरक्षकों का आरोप है कि इन बैलों को कत्लखाने ले जाया जा रहा था.
यह भी पढ़ें: इस बारे में कोई सबूत नहीं है कि राजगुरु RSS के स्वयंसेवक थे : परिजन
पुलीस चौकी परिसर में खड़े हैं 40 बैल
गौरक्षकों के हंगामे के बाद पुलिस ने ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया. वह फिलहाल पुलिस स्टेशन में ही है. इसके बाद गौरक्षक तो अपना काम कर वहां से चले गए लेकिन मुसीबत पुलिस की बढ़ा गए. मामले को 10 दिन बीत गए हैं लेकिन अभी तक न तो कोई ट्रक चालक को छुड़ाने आया है और न ही बैलों को ले जाने. ऐसे में ये 40 बैल पुलीस चौकी परिसर में ही खड़े हैं. उनके देखरेख और खाने-पीने की जिम्मेदारी भी पुलिसकर्मियों पर ही आ गई है.
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र सरकार ने अब इस वर्ग को भी दिया आरक्षण, मिलेगा शिक्षा-रोजगार का लाभ
गोबर उठाने को मजबूर पुलिसकर्मी
बैलों को चारा खिलाने से लेकर गोबर उठाने का काम भी इन दिनों थाने के पुलिसकर्मी ही कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक सात से आठ पुलिसकर्मी दिनभर इसी काम में लगे रहते हैं. हिंगोली के पुलिस उपनिरीक्षक तानाजी चेरले ने बताया कि जिन गौरक्षकों ने ट्रक को थाने पहुंचाया था उन्होंने भी बैलों की देखरेख करने से मना कर दिया.
यह भी पढ़ें: खेलते-खेलते बंद हो गया कार का लॉक, दम घुटने से 5 साल के बच्चे की मौत
बैलों को दवाई देने का काम भी पुलिस का
आलम यह है की पुलिस स्टेशन गौशाला बन गया है और पुलिसकर्मी रखवाले. एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि 10 दिन से ज्यादा हो गए ये बैल पुलिस चौकी परिसर में ही खड़े हैं. उन्होंने बताया कि जगह कम होने के कारण बैल घायल भी हो जाते हैं. पुलिसकर्मी इन बैलों के खाने से लेकर इलाज तक का खर्च उठा रहे हैं.