Maharashtra Political Crisis: शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने सोमवार को ट्वीट करके उद्धव ठाकरे से पूछा कि बालासाहेब ठाकरे को गिरफ्तार करने वाले छगन भुजबल के साथ कैबिनेट में बैठने पर आपको तकलीफ नहीं होती.
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Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे का राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमला जारी है. शिंदे ने सोमवार को ट्वीट करके उद्धव ठाकरे से पूछा कि बालासाहेब ठाकरे को गिरफ्तार करने वाले छगन भुजबल के साथ कैबिनेट में बैठने पर आपको तकलीफ नहीं होती.
एकनाथ शिंदे ने शेयर किया वीडियो
एकनाथ शिंदे ने ट्वीट में आगे लिखा ये सवाल सुभाष साबने ने पूछा है, जिन्हें बाल ठाकरे की गिरफ्तारी के बाद एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था. एकनाथ शिंदे ने ट्वीट के साथ बागी विधायक सुभाष सबने का एक वीडियो भी शेयर किया, जिन्होंने उन दिनों को याद किया जब भुजबल ने बालासाहेब ठाकरे की चौंकाने वाली गिरफ्तारी का निर्देश दिया था.
हिंदुहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बाळासाहेब ठाकरे यांना अटक करणाऱ्या छगन भुजबळ यांच्यासोबत मांडीला मांडी लावून मंत्रिमंडळात बसताना आपल्याला काहीच यातना होत नाहीत का?असासवाल शिवसेनेचे माजी आमदार सुभाष साबणे यांनी मुख्यमंत्री तथा शिवसेनापक्षप्रमुख श्री.उद्धव ठाकरे साहेबांना विचारला आहे pic.twitter.com/WAIq6GeMp1
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 27, 2022
शिंदे ने कहा, 'मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव जी ठाकरे से कहना चाहता हूं जिस शख्स ने शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे को जेल भेजा, आप आज कैबिनेट में उनके साथ बैठते हैं. हम में से कम से कम 12 शिवसैनिकों को एक साल के लिए इसके लिए निष्कासित कर दिया गया. याद है.
बता दें कि जुलाई 2000 में शिवसेना के पूर्व नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री रहे छगन भुजबल ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की गिरफ्तारी का आदेश दिया. उनके खिलाफ दिसंबर 1992 से जनवरी 1993 तक पार्टी के मुखपत्र सामना में संपादकीय लिखने के लिए कार्रवाई का निर्देश दिया गया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद सांप्रदायिक हिंसा को 'उकसाया' गया था. बाल ठाकरे को 25 जुलाई, 2000 को गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्हें चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से उन्हें तुरंत रिहाई मिल गई.
इस बीच एकनाथ शिंदे ने सोमवार को विधायकों की बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की योजना तैयार होगी. उधर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हो रही है. दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने 16 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया. शिंदे गुट ने डिप्टी स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इसपर कोर्ट सुनवाई कर रहा.
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