उद्धव ठाकरे ने दिल खोलकर की अजित पवार की तारीफ, जिसने भी सुना नहीं कर पा रहा यकीन
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उद्धव ठाकरे ने दिल खोलकर की अजित पवार की तारीफ, जिसने भी सुना नहीं कर पा रहा यकीन

नवंबर 2019 से जून 2022 तक एमवीए सरकार का नेतृत्व करने वाले उद्धव ठाकरे ने पिछले सप्ताह यहां पवार के कार्यालय में उनसे मुलाकात की थी. पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में बगावत करने के बाद दो जुलाई को एकनाथ शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री बने थे.

उद्धव ठाकरे ने दिल खोलकर की अजित पवार की तारीफ, जिसने भी सुना नहीं कर पा रहा यकीन

शिवसेना (UBT) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की जमकर तारीफ की है. उन्होंने एक इंटरव्यू में पवार की तारीफ में खूब बात की और कहा कि वो एक ईमानदार तथा कुशल प्रशासक रहे हैं. साथ ही कहा कि जब वह पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार का हिस्सा थे तो उन्होंने अपने विभागों को अच्छी तरह से संभाला था.

नवंबर 2019 से जून 2022 तक एमवीए सरकार का नेतृत्व करने वाले उद्धव ठाकरे ने पिछले सप्ताह यहां पवार के कार्यालय में उनसे मुलाकात की थी. पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में बगावत करने के बाद दो जुलाई को एकनाथ शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री बने थे.

पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने बुधवार को पार्टी के मुखपत्र सामना में प्रकाशित एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘वह (अजित पवार) ईमानदारी से काम करते हैं. उन्होंने एमवीए सरकार में प्रशासन तथा अपने विभाग को अच्छी तरह संभाला था. और मैंने सोचा कि मौजूदा भोंदूगिरी (शिंदे सरकार के संदर्भ में) में क्या इस व्यक्ति से कुछ अच्छा हो सकता है.’’

इससे पहले उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा था कि एनडीए के केवल तीन मजबूत दल हैं और उनके नाम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) है. ठाकरे ने सामना में छपे अपने इंटरव्यू में मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर भी केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्वोत्तर राज्य का दौरा तक करने के लिए तैयार नहीं हैं.

ठाकरे ने भाजपा नीत राजग की हालिया बैठक का परोक्ष संदर्भ देते हुए दावा किया कि जब चुनाव नजदीक आते हैं, तो सरकार भाजपा के लिए राजग सरकार होती है, लेकिन चुनाव के बाद यह मोदी-सरकार बन जाती है.

एनडीए के 38 घटक दलों के नेताओं ने पिछले सप्ताह दिल्ली में मुलाकात की थी. उसी दिन शिवसेना (UTB) समेत विपक्ष के 26 दलों ने बेंगलुरु में बैठक की थी और इस दौरान उन्होंने अपने गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (INDIA) रखने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था.

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