महाराष्ट्र में नहीं होगी बत्‍ती गुल, ऐसे बढ़ाएगा बिजली उत्‍पादन
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महाराष्ट्र में नहीं होगी बत्‍ती गुल, ऐसे बढ़ाएगा बिजली उत्‍पादन

महाराष्ट्र में एक सरकारी एजेंसी की बिजली उत्पादन के लिए दो बांधों के रुके पानी (बैकवॉटर) में तैरने वाले सौर पैनल लगाने की योजना है.

फाइल फोटो

मुंबई : महाराष्ट्र में एक सरकारी एजेंसी की बिजली उत्पादन के लिए दो बांधों के रुके पानी (बैकवॉटर) में तैरने वाले सौर पैनल लगाने की योजना है. राज्य सरकार के एक अधिकारी ने आज कहा कि सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना के लिये दो स्थानों का चयन किया गया है. औरंगाबाद के जायकवाड़ी बांध और सोलापुर के उजनी बांध पर यह परियोजना लगायी जाएगी.

दोनों बांधों पर फ्लोटिंग यानी पानी में तैरनेवाले सौर पैनल लगाने की योजना मराठवाड़ा वैधानिक विकास निगम (एमएसडीसी) की है. यह राज्य सरकार द्वारा गठित एजेंसी है. उन्होंने कहा कि उजनी बांध पर सौर पैनल लगाने के लिये किया जा रहा अध्ययन उन्नत चरण में है जबकि जायकवाड़ी बांध को इसमें बाद में शामिल किया जायेगा. उजनी बांध की तरह ही जायकवाड़ी बांध में भी बड़े पैमाने पर शांत पानी है. इसका उपयोग तैरने वाले सौर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन में किया जा सकता है.एमएसडीसी के चेयरमैन भागवत कराड ने पीटीआई-भाषा से कहा, "बांध के आखिरी छोर पर काफी खाली स्थान है. सौर पैनल लगाने के लिये इसका उपयोग करने की योजना है." 

मराठवाड़ा जायकवाड़ी बांध गोदावरी नदी में बना है और यह क्षेत्र इस उद्योग के लिये प्रमुख जल स्त्रोत है. वहीं, भीमा नदी पर बना उजनी बांध जल संग्रह क्षमता के लिहाज से राज्य का दूसरा सबसे बड़ा बांध है. उन्होंने कहा कि उजनी और जायकवाड़ी बांध एमएसडीसी के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. हमने इस अवधारणा को गंभीरतापूर्वक आगे बढ़ाने और सौर पैनलों की स्थापना के लिये व्यावहारिक योजनायें पेश करने का फैसला किया है.

इनपुट भाषा से

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