शीना बोरा मर्डर केस: पेण पुलिस की एफआईआर को किसने फाड़ा?
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शीना बोरा मर्डर केस: पेण पुलिस की एफआईआर को किसने फाड़ा?

शीना बोरा हत्याकांड में पुलिस ने बीते दिनों यह स्वीकार किया था कि रायगढ़ जिले के पेण तालुका में जब शीना के कथित अवशेष बरामद किए गए तब हत्या अथवा दुर्घटनावश मौत का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। गुरुवार को मीडिया में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की प्रकिया में थी, लेकिन एक वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी ने इसमें हस्‍तक्षेप किया था।

शीना बोरा मर्डर केस: पेण पुलिस की एफआईआर को किसने फाड़ा?

मुंबई/रायगढ़ : शीना बोरा हत्याकांड में पुलिस ने बीते दिनों यह स्वीकार किया था कि रायगढ़ जिले के पेण तालुका में जब शीना के कथित अवशेष बरामद किए गए तब हत्या अथवा दुर्घटनावश मौत का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। गुरुवार को मीडिया में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की प्रकिया में थी, लेकिन एक वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी ने इसमें हस्‍तक्षेप किया था।

रिपोर्ट में इस जांच के अनुसार, शीना बोरा मर्डर में रायगढ़ पुलिस की कथित अनदेखी की बात उठी थी। एक वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी ने अपने जूनियर से इस एफआईआर (जो दर्ज होने वाली थी) को फाड़ने के लिए कहा था। मिड डे की इस रिपोर्ट के अनुसार, उस समय पेण पुलिस थाना में सीनियर इंस्‍पेक्‍टर रहे सुरेश मिराज ने स्‍टेशन की डायरी में जिक्र किया है कि इस मामले की जांच एक वरिष्‍ठ अधिकारी देख रहे थे। शीना की बॉडी मिलने के बाद इसी पुलिस अधिकारी ने बाद में पेण पुलिस को यह निर्देश दिया था कि कोई कार्रवाई न करें। एफआईआर दर्ज होने से पहले ही इसे फाड़ दिया गया।

गौर हो कि बीते दिनों पहली बार रायगढ़ पुलिस ने वस्तुत: स्वीकार किया कि जब 23 मई, 2012 को एक जला हुआ शव बरामद किया गया तो पुलिस ने निजी तौर पर ढुलमुल रवैया अपनाया। माना जा रहा है कि शीना की हत्या अप्रैल, 2012 में हुई थी। रायगढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक सुवेज हक ने अलीबाग में संवाददाताओं से कहा था कि जब साल 2012 में रायगढ़ से बरामद अवशेष जेजे अस्पताल को भेजे गए तो न तो किसी अपराध और न ही दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। हक ने कहा कि 23 मई, 2012 को एक प्रत्यक्षदर्शी ने जला हुआ शव देखा। पंचनामे के बाद तत्कालीन पुलिस अधिकारियों ने कोई मामला दर्ज नहीं किया। उन्होंने कहा कि अवशेष को जेजे अस्पताल भेजे जाते समय इस बारे में थाने की डायरी में लिखा गया।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हम इसको देख रहे हैं कि मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया था। आईजी ने जांच का आदेश दिया है। रिपोर्ट जल्द सौंपी जाएगी। पुलिस महानिदेशक संजीव दयाल ने कहा कि खामियों का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उधर, पुलिस ने शीना की हत्या के मामले में अब तक इंद्राणी, उसके पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर श्याम राय को गिरफ्तार किया है। पेण तहसील से बरामद किए गए अवशेष डीएनए जांच के लिए भेजे गये हैं। अब इस मामले की जांच में पूरा ध्यान अवशेष के फोरेंसिक विश्लेषण की ओर चला गया है। इस जांच का नतीजा मामले में काफी अहम होगा।

 

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