पसंदीदा सीट न मिलने और ट्रेन रोकने पर शिवसेना विधायक की सफाई- यात्रियों के लिए ऐसा किया
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पसंदीदा सीट न मिलने और ट्रेन रोकने पर शिवसेना विधायक की सफाई- यात्रियों के लिए ऐसा किया

शिवसेना के एक विधायक और उनके समर्थकों ने अपनी पसंद की सीट पाने के लिए छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर एक एक्सप्रेस ट्रेन को कथित तौर पर करीब एक घंटे के लिए रोक दिया। बाद में अपने कृत्य को उचित ठहराते हुए कहा कि इसका उद्देश्य यात्रियों की शिकायतों के लिए ‘रेलवे अधिकारियों के गैर पेशेवर रुख ’ का भंडाफोड़ करना था।

पसंदीदा सीट न मिलने और ट्रेन रोकने पर शिवसेना विधायक की सफाई- यात्रियों के लिए ऐसा किया

मुंबई : शिवसेना के एक विधायक और उनके समर्थकों ने अपनी पसंद की सीट पाने के लिए छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर एक एक्सप्रेस ट्रेन को कथित तौर पर करीब एक घंटे के लिए रोक दिया। बाद में अपने कृत्य को उचित ठहराते हुए कहा कि इसका उद्देश्य यात्रियों की शिकायतों के लिए ‘रेलवे अधिकारियों के गैर पेशेवर रुख ’ का भंडाफोड़ करना था।

घटना बुधवार रात की है जब नांदेड़ के विधायक हेमंत पाटिल ने रात नौ बजकर दस मिनट पर चलने वाली देवगिरी एक्सप्रेस को रात दस बजे तक रवाना नहीं होने दिया। सेकेंड एसी कोच में ‘साईड’ की सीट मिलने पर बार..बार चेन खींचकर रेलगाड़ी रोक दी। रेलगाड़ी के करीब दो हजार यात्रियों को असुविधा पहुंचाने के अलावा इस घटना से कम से कम लंबी दूरी की दो रेलगाड़ियों के समय सारिणी पर भी प्रभाव पड़ा। विधायक जहां अपनी पसंद की सीट पर अड़े रहे वहीं रेलवे के अधिकारियों ने ऐसा करने से इंकार कर दिया।

 

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पाटिल का यह कृत्य रेलवे अधिनियम के गंभीर अपराध के तहत आता है। विवाद को नया रूप देते हुए पाटिल ने कहा कि उनके जैसे विधायकों को साइड बर्थ दिया गया जबकि अन्य यात्रियों को निचली सीटें दी गईं जिन्होंने ‘एजेंटों से टिकट खरीदे थे।’ उन्होंने नांदेड़ में गुरुवार रात कहा कि कोच को विशेष रूप से विधायकों के लिए लगाया गया था लेकिन हम यह देखकर आश्चर्यचकित रह गए कि लगभग सभी विधायकों को साइड बर्थ दिए गए जबकि जिन लोगों ने एजेंट से टिकट लिया वे निचली सीटों पर थे। विधायक ने कहा कि उन्होंने टीसी से कहा कि रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाया जाए क्योंकि वह जानना चाहते हैं कि सूर्यकांत पाटिल, जयप्रकाश मुंदादा जैसे वरिष्ठ जन प्रतिनिधियों को निचली सीटें क्यों नहीं दी गईं।

उन्होंने कहा कि मैं टीसी पर दबाव बना रहा था कि वह रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को फोन करे जिस पर गार्ड ने कहा कि वह सिग्नल नहीं देगा और रेलगाड़ी करीब 40 मिनट रुकी रही। पाटिल ने कहा कि रेल अधिकारियों की ओर से मुद्दे का हल नहीं किए जाने के कारण यह घटना हुई। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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