साबरमती आश्रम प्रोजेक्‍ट: महात्मा गांधी के प्रपौत्र ने सरकार की योजना को कोर्ट में दी चुनौती
Advertisement
trendingNow11016224

साबरमती आश्रम प्रोजेक्‍ट: महात्मा गांधी के प्रपौत्र ने सरकार की योजना को कोर्ट में दी चुनौती

महात्मा गांधी की यादों से जुड़ा हुआ साबरमति आश्रम एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. साबरमति आश्रम की पुनर्विकास परियोजना के तहत राज्य सरकार इसे पांच एकड़ से बढ़ाकर 55 एकड़ में बनाने का प्रस्ताव पास किया है. लेकिन इस फैसले को गांधी जी के प्रपौत्र ने चुनौती दी है.

प्रतीकात्मक तस्वीर।

अहमदाबाद: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के प्रपौत्र तुषार गांधी ने गुजरात सरकार की एक योजना को चुनौती दी है. दरअसल तुषार गांधी ने अहमदाबाद स्थित साबरमति आश्रम पुनर्विकास परियोजना को चुनौती देते हुए गुजरात हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. हाल ही में दायर इस याचिका पर दिवाली की छुट्टी के बाद सुनवाई होने की संभावना है.

  1. गांधी जी के प्रपौत्र ने दी गुजरात सरकार के प्रस्ताव को चुनौती 
  2. साबरमति आश्रम में 1200 करोड़ की लागत से होना है पुर्नविकास
  3. गुजरात सरकार की योजना है कि आश्रम को ग्लोबल टूरिज्म केंद्र बनाया जाए

ग्लोबल टूरिज्म केंद्र बनाने की है सरकार की योजना

राज्य सरकार ने महात्मा गांधी और भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े साबरमति आश्रम (Sabarmati Ashram) के पुनर्विकास का प्रस्ताव पास किया है. सरकार का प्रस्ताव है कि आश्रम के नजदीक के 48 मौजूदा विरासत संपत्ति को एक साथ लाकर आश्रम को विश्वस्तरीय पर्यटक केंद्र बनाया जाए. इस मामले पर तुषार गांधी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने जनहित याचिका में सरकार की 1,200 करोड़ रुपये की गांधी आश्रम स्मारक एवं परिसर विकास परियोजना को चुनौती दी है क्योंकि यह राष्ट्रपिता की इच्छा और दर्शन के खिलाफ है.

यह भी पढ़ें: वित्त मंत्रालय का विभागों को आदेश, 'Air India का बकाया चुकाएं और कैश में लें टिकट'

तुषार गांधी ने दी सरकार के प्रस्ताव को चुनौती

उन्होंने कहा कि जनहित याचिका में गुजरात सरकार को उन सभी 6 ट्रस्टों के साथ प्रतिवादी बनाया गया है जो साबरमती आश्रम की विभिन्न गतिविधियों की देखभाल करते हैं. इसके साथ ही गांधी स्मारक निधि और अहमदाबाद नगर निगम (AMC) तथा परियोजना से जुड़े अन्य लोगों को भी प्रतिवादी बनाया गया है.

'स्मारकों को सरकार और राजनीतिक प्रभाव से दूर रखा जाना चाहिए'

लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता तुषार गांधी ने कहा, ‘हमने इन ट्रस्टों के सामने सवाल उठाया है कि वे अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं निभा रहे हैं?' तुषार गांधी का कहना है कि इस जगह पर राज्य सरकार को हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि गांधी स्मारक निधि के संविधान में कहा गया है कि बापू के आश्रम और स्मारकों को सरकार और राजनीतिक प्रभाव से दूर रखा जाना चाहिए.

LIVE TV

Trending news