'महिला हूं, माल नहीं', 30 घंटे बाद अरविंद सावंत की माफी, संजय राउत की विवाद में एंट्री, महाराष्ट्र में क्यों मचा घमासान?
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'महिला हूं, माल नहीं', 30 घंटे बाद अरविंद सावंत की माफी, संजय राउत की विवाद में एंट्री, महाराष्ट्र में क्यों मचा घमासान?

Arvind Sawant comment on shaina NC: महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों घमासान मचा हुआ है. शिवसेना शिंदे गुट की नेता शाइना एनसी पर अरविंद सावंत के बयान ने सभी पार्टियों में खामोश कर दिया है. वहीं शाइना अब शिवसेना (यूबीटी) से अपना आधिकारिक रुख स्पष्ट करने की मांग कर रही हैं. जानें पूरा मामला.

'महिला हूं, माल नहीं', 30 घंटे बाद अरविंद सावंत की माफी, संजय राउत की विवाद में एंट्री, महाराष्ट्र में क्यों मचा घमासान?

Shaina NC Questions Arvind Sawant Remark: महाराष्ट्र की सियासत में 'माल' बयान पर जमकर बवाल मचा हुआ है. शिवसेना शिंदे गुट की नेता शाइना एनसी पर अरविंद सावंत के बयान पर आग पहले ही सुलग रही थी और शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने विवाद की आग को और हवा देते हुए अरविंद सावंत के बयान का समर्थन कर दिया. राउत ने एक बयान में कहा है कि शाइना एनसी अगर बाहर से आई हैं, तो वही अरविंद सावंत ने कहा कि बाहर से आईं हैं तो इम्पोर्टेड माल हुईं. बस फिर क्या था पूरे महाराष्ट्र में माहौल और गरमा गया. शाइना एनसी को लेकर अरविंद सावंत की टिप्पणी पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि बाला साहेब ठाकरे अभी होते तो सच में मुंह तोड़ देते, इनकी फितरत ही ऐसी है.

आधिकारिक रुख स्पष्ट करने की मांग की
महाराष्ट्र में मुम्बादेवी विधानसभा सीट से सत्तारूढ़ शिवसेना की उम्मीदवार शाइना एनसी ने शनिवार को महिला सम्मान के विषय पर शिवसेना (यूबीटी) से अपना आधिकारिक रुख स्पष्ट करने की मांग की. उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत द्वारा उनके खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को महिला सम्मान पर अपना आधिकारिक रुख बताना चाहिए.

30 घंटे में माफी
शाइना ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘दबाव में, अरविंद सावंत ने 30 घंटे बाद माफी मांगी, जबकि (उनकी पार्टी के सहयोगी) संजय राउत ने मुझे ‘आयातित माल’ कहकर खारिज किए जाने को सही ठहराया.’’ शाइना पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ थीं. वह हाल में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना में शामिल हुई हैं. वह मुंबई की मुम्बादेवी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं. उन्हें कांग्रेस के अमीन पटेल के खिलाफ मैदान में उतारा गया है.

शाइना ने कांग्रेस को भी घेरा
शाइना ने दावा किया कि जब सावंत ने यह ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी की तो कांग्रेस से उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार अमीन पटेल हंसने लगे. उन्होंने पूछा, ‘‘क्या वह उसी तरह प्रतिक्रिया देते यदि यह टिप्पणी उनके धर्म या समुदाय की किसी महिला के लिए की गई होती?’’ उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) को महिलाओं के सम्मान को लेकर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.

माफी से पहले एफआईआर
सावंत ने शाइना पर की गई अपनी कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए शनिवार को माफी मांगी. एक दिन पहले शाइना ने इस संबंध में सावंत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. शाइना ने कहा कि वह सावंत की ‘‘लाडकी बहिन’’ (प्रिय बहन) थीं, जब उन्होंने 2014 में मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. शाइना ने कहा, ‘‘मैंने दक्षिण मुंबई और मुंबादेवी में उनके लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया और अब मुझे ‘आयातित माल’ कहा जा रहा है. मैं दक्षिण मुंबई की निवासी हूं और मुम्बादेवी मेरा मायका है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि माफी मांगनी ही है तो मुम्बादेवी से मांगनी चाहिए. मैं उनकी बेटी हूं...मैं लड़ूंगी और जीतूंगी.’’

महा विकास आघाडी चुप
शाइना ने राकांपा (एसपी) की सुप्रिया सुले और शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी समेत महा विकास आघाडी (एमवीए) के नेताओं की इस संबंध में चुप्पी पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं का मुद्दा पार्टी राजनीति से बड़ा है. मैं हमेशा पार्टी राजनीति से परे हटकर महिलाओं के साथ खड़ी रही हूं.’’

विपक्षी नेता अब चुप क्यों हैं?
शाइना ने पूछा, ‘‘(कांग्रेस नेता) प्रियंका गांधी वाद्रा कहती हैं ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’. विपक्षी नेता अब चुप क्यों हैं? शरद पवार, उद्धव ठाकरे और नाना पटोले (कांग्रेस के) प्रतिक्रिया क्यों नहीं दे रहे हैं.’’ उन्होंने पूछा कि अगर संजय राउत का दावा है कि सावंत ने कुछ भी गलत नहीं कहा तो महिला सम्मान पर शिवसेना और एमवीए का आधिकारिक रुख क्या है.

संजय राउत का विवाद में एंट्री
इस बीच राउत ने सावंत का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने केवल इतना कहा था कि वह एक ‘‘बाहरी माल’’ हैं और वह कहीं बाहर से मुंबई आई हैं. राउत ने कहा, ‘‘अगर वह ‘आयातित माल’ हैं, तो महिलाओं का अपमान करने का सवाल ही कहां है? आपने सोनिया गांधी जी, प्रियंका गांधी वाद्रा जी के बारे में क्या कहा... अगर आप पिछले 10-15 सालों में (भाजपा के) बयानों को देखें तो.’’ राज्यसभा सदस्य ने कहा कि इसे मुद्दा बनाने की कोई जरूरत नहीं है. इनपुट भाषा से भी

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