UP By-Election 2022: मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri Lok Sabha Seat) समाजवादी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadv) के निधन के बाद खाली हुई थी, जिस पर 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे.
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Mainpuri Lok Sabha By-Election: मैनपुरी लोकसभा के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन पत्रों की जांच खत्म हो गई है और अब मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनकी पत्नी डिंपल यादव (Dimple Yadav) की राह आसान होती दिख रही है, क्योंकि उनके सबसे बड़े विरोधी का नामांकन खारिज हो गया है और अब मुकाबला बीजेपी-सपा के बीच हो गया है.
अखिलेश के सबसे बड़े विरोधी का नामांकन खारिज
मैनपुर लोकसभा सीट से अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के सबसे बड़े विरोधी का नामांकन खारिज हो गया है, जिसके बाद डिंपल यादव (Dimple Yadav) की राह आसान हो गई है. अखिलेश के विरोधी ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के उम्मीदवार रमाकांत कश्यप का पर्चा खारिज हो गया है.
7 उम्मीदवारों का पर्चा हुआ खारिज
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव (Mainpuri Lok Sabha Bypolls) के लिए नामांकन पत्रों की जांच के बाद सात उम्मीदवारों का पर्चा खारिज हुआ है. मैनपुरी के सियासी रण में अब कुल छह उम्मीदवार बचे हैं और सपा का सीधा मुकाबला बीजेपी के रघुराज सिंह शाक्य (Raghuraj Singh Shakya) के बीच है, क्योंकि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने इन चुनावों में अपने उम्मीदवार ही नहीं उतारे हैं.
नामांकन वापस लेने के लिए आज आखिरी दिन
नामांकन पत्रों की जांच प्रक्रिया खत्म हो गई हैं, हालांकि उम्मीदवार अभी भी अपने नामांकन वापस ले सकते हैं और इसके लिए आज (21 नवंबर) आखिरी दिन है. बता दें कि मैनपुरी उपचुनाव के लिए कुल 13 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था, लेकिन 7 उम्मीदवारों का नामांकन रद्द हो चुका है. आज शाम तक फाइनल हो जाएगा कि मैनपुरी उपचुनाव (Mainpuri Lok Sabha By-Election) में कौन-कौन उम्मीदवार होगा.
मुलायम सिंह के निधन के बाद खाली हुई थी सीट
मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri Lok Sabha Seat) समाजवादी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadv) के निधन के बाद खाली हुई थी. इस सीट पर अगले महीने 5 तारीख को वोट डाले जाएंगे और मतों की गणना 8 दिसंबर को होगी. इसके अलावा रामपुर सदर और खतौली विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होने हैं, जो मौजूदा विधायकों क्रमश: आजम खान और विक्रम सिंह सैनी को अलग-अलग मामलों में अदालतों द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के कारण खाली हुई हैं. हालांकि, उपचुनावों के नतीजों से न तो केंद्र सरकार और न ही योगी आदित्यनाथ सरकार पर कोई खास फर्क पड़ेगा, क्योंकि दोनों जगह भाजपा को बहुमत हासिल हैं, लेकिन नतीजे 2024 में होने वाले आम चुनाव के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं.
(इनपुट- न्यूज एजेंसी भाषा)
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