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नंदीग्राम: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में दूसरे चरण की वोटिंग से ठीक एक दिन पहले ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने विपक्षी पार्टियों के नेताओं को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी के जरिए ममता ने लोकतंत्र बचाने के लिए विपक्षी दलों से एकजुट होने की अपील की है. चिट्ठी में ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी देश में एक पार्टी का शासन चाहती है. उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि बंगाल के राज्यपाल बीजेपी कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं. ईडी, सीबीआई, गैर-बीजेपी नेताओं को निशाना बना रही हैं.
ममता बनर्जी ने ये चिट्ठी सोनिया गांधी, शरद पवार, एम के स्टालिन, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, उद्धव ठाकरे, हेमंत सोरेन, अरविंद केजरीवाल, नवीन पटनायक, जगन मोहन रेड्डी, फारुक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को लिखी है.
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ममता ने चिट्टी में ये भी लिखा है कि केंद्र सरकार ने योजनाओं के लिए राज्य का फंड रोक दिया है. ममता का ये भी आरोप है कि बीजेपी पैसे के दम पर नेताओं को खरीद रही है. ममता बनर्जी का कहना है कि निजीकरण के जरिए बीजेपी देश के प्रजातंत्र पर हमला कर रही है.
BJP ने ममता बनर्जी की टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ निवार्चन आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. BJP ने आरोप लगाया है कि वह अपनी रैलियों में संबोधन के दौरान BJP समर्थकों को धमकी दे रही हैं. निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र में भाजपा ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी की टिप्पणियों की वजह से पिछले कुछ दिनों में बंगाल में ‘बड़े पैमाने पर हिंसा’ की घटनाएं हुई हैं.
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इधर, ममता बनर्जी के गोत्र का खुलासा करने को लेकर भी सियासत गरमा गई है. बीजेपी के बाद अब AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि जो जनेऊधारी नहीं हैं, उनका क्या? असदुद्दीन ओवैसी ने ममता बनर्जी के बयान पर टिप्पणी करते हुए लिखा, ‘जो लोग शांडिल्य या जनेऊधारी नहीं हैं, उनका क्या? हैदराबाद सांसद ने आगे लिखा कि हर पार्टी को लगता है कि उसे जीतने के लिए खुद को हिन्दू दिखाना जरूरी है. ये नियमों के खिलाफ है, अपमानजनक है और सफल होने वाला नहीं है.