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लखनऊ: तीन हिंदू महिलाओं को अपनी धार्मिक पहचान छुपाकर शादी के जाल में फंसाने के आरोप में आजमगढ़ पुलिस ने धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर लोगों को झांसा दे रहा था. विवाहित मुस्लिम शख्स को रविवार को गिरफ्तार किया गया और जांच से पता चला कि आजमगढ़ में पहले से ही एक मुस्लिम महिला से उसकी पहली शादी से उसके सात बच्चे थे.
एक महिला ने लखनऊ के इंदिरा नगर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपी आबिद हवारी, जिसने खुद को पुलिस अधिकारी आदित्य सिंह बताया, उसने उसका यौन शोषण किया और उससे 16 लाख रुपये की जबरन वसूली की. उसने उन पर अपने किरायेदारों से जबरन किराया वसूलने का भी आरोप लगाया.
आबिद पर उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धार्मिक रूपांतरण निषेध अधिनियम, 2021 के तहत मामला दर्ज किया गया है और बलात्कार, जबरन वसूली, पत्नी के जीवनकाल के दौरान पुनर्विवाह, आपराधिक धमकी और महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम, 1986 का भी आरोप लगाया गया है. उसे सुशांत गोल्फ सिटी स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया.
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि आबिद उससे पहली बार 2015 में मिला था, जब वह किराए के घर की तलाश में थी. उसने यूपी पुलिस की क्राइम ब्रांच से अपना परिचय आदित्य सिंह बताया. उसने उसे बताया कि वह एक विधुर है और उसकी पिछली शादी से एक बच्चा है. उसने आरोप लगाया कि आबिद ने एक भावनात्मक कार्ड खेला और उसे उससे प्यार हो गया.
कुछ महीने बाद, आदित्य ने आबिद हवारी के रूप में अपनी असली पहचान प्रकट की और उसे अपने धार्मिक रीति रिवाजों के अनुसार उससे शादी करने के लिए कहा. उसने कहा कि चूंकि आबिद के पास आपत्तिजनक स्थिति में उसकी तस्वीरें थीं, इसलिए उसके पास उसकी शर्त मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. बाद में, उसे अपने परिचितों से पता चला कि आबिद ने 21 फरवरी को अर्जुनगंज में दूसरी महिला से शादी की थी.
उत्तर क्षेत्र की अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) प्राची सिंह ने कहा कि वर्दी पहकर आरोपी न केवल महिलाओं को भगाता था, बल्कि रंगदारी भी चलाता था. उन्होंने कहा, 'हमने उसे गिरफ्तार कर लिया है और उसके आपराधिक अतीत के ब्योरे का पता लगाने के लिए उससे पूछताछ की जाएगी.'
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