मोदी ने ओबामा के साथ देश से की ‘मन की बात’, युवाओं से दुनिया को एक करने का आह्वान
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मोदी ने ओबामा के साथ देश से की ‘मन की बात’, युवाओं से दुनिया को एक करने का आह्वान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मंगलवार को अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ को साझा करते हुए कम्युनिस्टों के ‘दुनिया के मजदूरों एक हो’ की तर्ज पर ‘युवकों दुनिया को एक करो’ का नारा दिया।

मोदी ने ओबामा के साथ देश से की ‘मन की बात’, युवाओं से दुनिया को एक करने का आह्वान

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मंगलवार को अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ को साझा करते हुए कम्युनिस्टों के ‘दुनिया के मजदूरों एक हो’ की तर्ज पर ‘युवकों दुनिया को एक करो’ का नारा दिया।

ओबामा और मोदी से किए गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘एक जमाने में खासकर कम्युनिस्ट विचारधारा से प्रेरित लोग दुनिया का आह्वान करते थे और कहते थे, ‘दुनिया के मजदूरों एक हो’ यह नारा कई दशकों तक चलता रहा, लेकिन मैं समझता हूं आज के युवा की जो शक्ति है और जो उसकी पहुंच है, उसे देखते हुए मैं यही कहूंगा, ‘युवकों दुनिया को एक करो।’ मैं समझता हूं उनमें यह ताकत है और वह ये कर सकते हैं।’

एक सवाल के जवाब में ओबामा ने कहा, ‘अब सूचनाओं के प्रवाह को रोकना संभव नहीं है। आज के युवकों की उंगलियों पर वस्तुत: पूरी दुनिया और उसकी जानकारी है। उन्हें मालूम है कि समाज और देश के लिए क्या करना चाहिए। मैं समझता हूं कि सरकारों और नेताओं को केवल ऊपर से शासन नहीं करना चाहिए, बल्कि समावेशी और पारदर्शी रूप से जनता तक पहुंचना चाहिए.उनसे उनके देश की दिशा के बारे में बात करनी चाहिए।’

उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के लिए बड़ी बात यह है कि दोनो खुले समाज हैं। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि बंद और नियंत्रित समाजों की बनिस्बत भारत और अमेरिका जैसे देश इस नये सूचना युग में और सफलताएं अर्जित कर सकते हैं।

दोनो नेताओं से सवाल किया गया था कि नई पीढ़ी का युवा एक वैश्विक नागरिक है और वह समय और सीमाओं से बंधा नहीं है..ऐसी स्थिति में हमारे नेतृत्व, सरकार और समाज का उनके प्रति क्या दृष्टिकोण होना चाहिए। पिछले कुछ माह से देश की जनता के साथ ‘मन की बात’ साझा करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी अपनी इस बात में भागीदार बनाया।

ओबामा तीन दिन की यात्रा पर भारत आए थे और गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे। वह आज यहां से सऊदी अरब रवाना हो गए। इस सवाल पर कि क्या आप दोनो ने कभी इन पदों पर आसीन होने की कल्पना की थी, मोदी ने कहा, ‘जी नहीं, कभी कल्पना नहीं की थी। मैं लंबे अर्से से सबको यह कहता आया हूं कि कुछ भी बनने के सपने कभी मत देखो। अगर सपने देखने हैं तो कुछ करने के देखो..आज भी कुछ बनने के सपने मेरे दिमाग में हैं ही नहीं, लेकिन कुछ करने के जरूर हैं।’ इस प्रश्न पर ओबामा ने कहा कि उन्होंने व्हाइट हाउस तक पहुंचने की कल्पना कभी नहीं की थी। उन्होंने कहा कि वह और मोदी खुशनसीब हैं कि एक सामान्य परिवेश से आने के बावजूद दोनो को असामान्य अवसर मिले।

उन्होंने कहा, ‘भारत और अमेरिका के लिए इससे अच्छा और क्या हो सकता है कि एक चाय बेचने वाला या मुझ जैसा एक व्यक्ति जिसे अकेली मां ने पाला पोसा हो, वे आज अपने अपने देशों का नेतृत्व कर रहे हैं।’ रेडियो से प्रसारित 35 मिनट के इस विशेष कार्यक्रम में मोदी और ओबामा ने बालिकाओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े मामलों के साथ ही अपने निजी अनुभव साझा किए।

कल रिकार्ड किए गए इस कार्यक्रम का संचालन वस्तुत: प्रधानमंत्री मोदी ने किया, जिन्होंने देश के विभिन्न भागों के लोगों द्वारा पूछे गए सवाल भी उनकी तरफ से पढ़े और दोनो नेताओं ने बारी-बारी से उनका जवाब दिया।

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